Koderma: कोडरमा वन प्रमण्डल द्वारा तिलैया डैम में पक्षियों का गणना कराया गया. प्रत्येक वर्ष नवम्बर से फरवरी तक काफी संख्या में साइबेरिया और यूरेशिया से तिलैया डैम में पक्षियों का आगमन होता है. इस दौरान प्रवासी पक्षियों का आकलन करने के लिए गणना कराई जाती रही है. पिछली बार 2018 में पक्षी गणना में पाए गए पक्षियों में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड (1600), बार हेडेड गूस (500), कॉमन कूट (400), गैडवाल (80), नॉर्दर्न पिनटेल (75) और लिटिल कार्मोरेंट (60) थे. इस बार पक्षियों की गणना सहायक वन संरक्षक, कोडरमा वन प्रमण्डल के नेतृत्व में टीम गठित कर की गयी.
पक्षियों की गणना सत्यप्रकाश, पक्षी विशेषज्ञ, भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून की टीम और कोडरमा वन प्रमण्डल के वन क्षेत्र पदाधिकारियों एवं वनरक्षियों के द्वारा सुबह 8 बजे से अपराह्न 3 बजे तक की गयी. गणना टीम द्वारा तिलैया डैम के तटों एवं नावों के द्वारा विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर पक्षी गणना तकनीक का प्रयोग करते हुए वन्यप्राणी फोटोग्राफी कैमरा और दूरबीन की मदद से पक्षियों को गिना गया. प्रारंभिक डेटा के अनुसार रेड क्रेस्टेड पोचार्ड (800), कॉमन कूट (1500), बार हेडेड गूज (2000), रूडी शेल्डक (80), नॉर्दर्न शोवलर (80), फ्लेमिंगो (6), ऊली नेक्ड स्टार्क (6), Gadwall (60), ओपन बिल स्टार्क (300), व्हाइट नेप्ड आइबिस (100), नॉर्दर्न पिनटेल (80) इत्यादी प्रजाति के लगभग 6000 से अधिक पक्षी प्रारंभिक गणना में पाए गए है. इस प्रकार वर्ष 2018 की तुलना में पक्षियों की संख्या दोगुनी हुई.
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विगत वर्षों में पक्षियों की शिकार पर कठोर कार्रवाई एवं आसपास के गांव और और मछुवारों के बीच जागरुकता से अच्छे परिणाम आए हैं. डेटा का मिलान कर अंतिम गणना जल्द प्रकाशित की जाएगी. विशेष तौर पर ग्रेटर फ्लेमिंगो झारखण्ड में पहली बार तिलैया डैम में 6 की संख्या में देखे गए. पक्षी गणना टीम में गौर सिंह मुंडा, सहायक वन संरक्षक, कोडरमा वन प्रमण्डल, राज कुमार सिंह, वन क्षेत्र पदाधिकारी, गझण्डी वन प्रक्षेत्र, रविन्द्र कुमार, वन क्षेत्र पदाधिकारी, डोमचांच वन प्रक्षेत्र, राजेन्द्र प्रसाद, वन क्षेत्र पदाधिकारी, कोडरमा वन प्रक्षेत्र, हजारीबाग से आए पक्षी विशेषज्ञ सत्य प्रकाश और मुरारी सिंह शामिल थे.
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