Vinit Upadhyay
Ranchi : माइनिंग ऑफिसर बनकर बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली करने वाले सभी आरोपियों को रांची सिविल कोर्ट ने बरी कर दिया है. न्यायायुक्त मधुरेश कुमार वर्मा की अदालत ने साक्ष्य के आभाव में सभी 16 नामजद आरोपियों को बरी करने का आदेश पारित किया है. यह मामला नामकुम थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. जिसमें 7 अप्रैल 2021 को ट्रक मालिक विनोद कुमार के लिखित आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. पढ़ें – ED ने नहीं दाखिल किया जवाब, IAS पूजा सिंघल की बेल पर 12 जुलाई को सुनवाई
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साक्ष्य के आभाव में सभी आरोपी बरी
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जितनी तत्परता से पुलिस ने इस केस से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था उतनी तत्परता ट्रायल में नहीं दिखी. जिसका नतीजा ये हुआ कि साक्ष्य के आभाव में सभी आरोपी बरी हो गये. कोर्ट में जब गवाही देने की बारी आयी तो पुलिस ने जिसे अपनी जब्ती सूची का गवाह बनाया था. गवाह ने भी कोर्ट में यह कह दिया कि पुलिस ने उससे सादे पन्ने पर साइन करवाया था. इतना ही नहीं पुलिस के अन्य गवाहों ने भी न्यायालय में पुलिस की थ्योरी को सपोर्ट नहीं किया.
अब सवाल ये उठता है कि या तो जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उन्हें जान बूझकर फंसाया गया था. या फिर ट्रक मालिक ने झूठी FIR दर्ज करवाई थी. जिसपर बिना ठोस जांच और सबूतों के पुलिस ने 16 बेगुनाह युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उन्हें लगभग 2 महीने तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा.
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क्या है मामला
ट्रक मालिक विनोद कुमार की प्राथमिकी के आधार पर नामकुम पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए अप्रैल 2021 में 16 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने गिरफ्तार हुए लोगों के पास से चार पिस्टल और भारी मात्रा में गोली बरामद किया था. बरामद किये गये सभी हथियार का लाइसेंस जम्मू कश्मीर का था. सभी के खिलाफ IPC की धारा 386,387,395,412,419,34 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
विनोद कुमार की FIR के मुताबिक पकड़े गए सभी लोग दो बोलेरो में सवार होकर नामकुम थाना क्षेत्र स्थित सिदरोल पेट्रोल पंप के पास मौजूद थे. वहां से बालू लदे ट्रक को रोककर ड्राइवर को हथियार दिखाकर चेकिंग कर रहे थे और पैसे वसूल रहे थे. रुपए नहीं देने पर ड्राइवर के साथ मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ भी किया गया.
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