Vinit Upadhyay
Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है कि सिविल डिस्प्यूट (दीवानी विवाद) से जुड़े मामलो में पैसे के लेन-देन के लिए क्रिमिनल (आपराधिक) केस नहीं किया जा सकता. दरअसल जमशेदपुर की नीड इस्ट कंपनी की निदेशक नीता सिंह और नताशा सिंह ने उनके खिलाफ निचली अदालत द्वारा चलाई जा रही, आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में क्रिमिनल मिसलिनियस पिटीशन दाखिल की थी. जिसपर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई.
सुनवाई के बाद अदालत ने जमशेदपुर सिविल कोर्ट के ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट(न्यायिक दंडाधिकारी) के द्वारा चलाई जा रही कार्रवाई को निरस्त कर दिया. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता सुभाष रसिक सोरेन ने पक्ष रखते हुए कहा कि निचली अदालत ने इस तथ्य की अनदेखी की है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की कंपनी पंजीकृत कंपनी है और एक पंजीकृत कंपनी को आपराधिक मामलों में आरोपी नहीं बनाया जा सकता.
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