Kamrul Arfi
Balumath (Latehar): बालूमाथ प्रखंड में सीबीएससी व आइसीएससी मान्यता प्राप्त विद्यालय खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है. प्रखंड के छात्र बेहतर स्कूली शिक्षा के लिए राजधानी या दूसरे शहर जा रहे हैं. बालूमाथ एक पिछड़ा क्षेत्र है और यहां के लोगों की आर्थिक स्थिती भी उतनी अच्छी नहीं है कि वे अपने बच्चों को बाहर रखपर पढ़ा सकें. लेकिन मजदूरी में उन्हें यह सब करना पड़ रहा है. प्रचूर मात्रा में खनिज संपदाओं से परिपूर्ण संयुक्त बालूमाथ प्रखंड में एक अदद प्लस टू तक की शिक्षा के लिए सीबीएससी या आईसीएससी से मान्यता प्राप्त स्कूल का ख्वाब अब भी अधूरा ही है.
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करोड़ों के फायदे के बावजूद विकास नहीं हो रहा
बालूमाथ प्रखंड में 90 के दशक से सीसीएल द्वारा तेतरियाखाड़ ओपन कोल माइंस चलाया जा रहा है. करोड़ों रुपये की आमदनी कंपनी को हो रही है. यही नहीं तेतरियाखाड़ के अतिरिक्त बालूमाथ में सीसीएल की ओर से संचालित कुंडी, आरा, चमातू जैसे कोलियरी से कंपनी करोड़ों की कमाई कर रही है. केंद्र एवं राज्य सरकार को भी रॉयल्टी के रूप में राजस्व की प्राप्ति हो रही है. भारत सरकार के नियमानुसार, कोल इंडिया के अनुसांगिक इकाइयों द्वारा संचालित विभिन्न कोल परियाजनाओं से लाभ की राशि का निर्धारित हिस्सा सामुदायिक विकास में खर्च करना है. लेकिन सीसीएल द्वारा सीएसआर के नाम पर खर्च की गयी राशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, समुदायिक विकास, सामाजिक उन्नति के साथ-साथ पर्यावरण के लिए सीएसआर के तहत कार्य का फोकस एरिया है. इन क्षेत्रों में कोई काम धरातल पर नहीं दिखाई देता है.
ग्रामीणों ने सौंपा है ज्ञापन
बालूमाथ के ग्रामीणों ने सीबीएससी या आईसीएससी से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम स्कूल बालूमाथ में शुरू करने के लिए सीसीएल प्रबंधन से लेकर सीएमडी तक गुहार लगा चुके हैं. आश्वसन के सिवा अब तक हिस्से में कुछ नहीं आया. बालूमाथ वासियों ने थक हार कर उपायुक्त भोर सिंह यादव को ज्ञापन भी सौंपा है. इस पहल का नेतृत्व कर रहे बालूमाथ के युवा समाजसेवी मो. इमरान का कहना है कि जिले के उपायुक्त ने बालूमाथ के ग्रामीणों की मांग को जायज करार देते हुए अपने स्तर से हर संभव कोशिश करने का आश्वासन दिया है.
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