Latehar: चंदवा के बालूमाथ प्रखंड क्षेत्र के बहेरियाथान के ग्रामीणों ने तालाब निर्माण में गड़बड़ी को लेकर जांच की मांग की है. ग्रामीणों ने डीसी से इसकी जांच की मांग की है. दरअसल मोरसेरवा में भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा देश के पचहत्तरवें वर्षगांठ पर अमृत सरोवर का निर्माण वर्षा जल को संचय करने कि लिए किया गया है. ताकि जल का उपयोग गर्मी के दिनों में किया जा सके. लेकिन स्थिति यह है कि बरसात समाप्त होने के दो महीने बाद भी तालाब सूखा है. ऐसा लगता होता है कि तालाब के घास फूस को छील कर बांध के मेड़ में सिमेंट का बेंच बनवाकर योजना की राशि की बंदरबांट की गयी है.
ग्रामीणों ने बताया कि योजना स्थल पर बोर्ड लगाया गया है. तालाब स्थल पर तिरंगा भी फहराए जाने की सूचना है. योजना से संबंधित बहुत कुछ अंकित किए गए हैं, लेकिन योजना की राशि अंकित नहीं है. वहीं बसिया पंचायत के बुकरू गांव में मोरसेरवा तालाब किनारे लगे बोर्ड में पानी पंचायत के अध्यक्ष बजरंगी साव और सचिव बहादुर साव के नाम अंकित हैं. देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि नाला को ही दो तीन फीट काटकर तालाब का आकार दिया गया है.
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ग्रामीणों का कहना है कि इन तालाबों का निर्माण बिचौलिए के द्वारा करवाया गया है. ग्रामीणों ने डीसी से मांग की है कि दोनों तालाबों की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाय. इस मामले में भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को सभी योजनाओं में कमी नजर आती है. जबकि योजनाओं में प्राक्कलन के हिसाब से कार्य हुआ है. काम सही हुआ है. बोर्ड में प्राक्कलन राशि नहीं लिखे होने के संबंध में कहा कि योजना पूर्ण नहीं हुआ होगा, इसलिए राशि अंकित नहीं होगी. इसके लिए फाइल देखना होगा. फाइल देख कर इस बारे में कुछ बताया जा सकता है.
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