Ashish Tagore
Latehar : जिले के बरवाडीह के आसपास के गांवों में तेंदुआ ने अपनी दस्तक दी है. बता दें कि मशहूर बेतला नेशनल पार्क बरवाडीह प्रखंड में ही आता है. वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बेतला में कम से कम सात तेंदुआ हैं. पहली जनवरी को सैलानियों को दो तेंदुआ देखने को भी मिला था. वैसे बेतला में बाघ होने का प्रमाण बीते वर्ष ही वन विभाग को मिला था. लेकिन अब तेंदुआ बरवाडीह के गांवों में भी अपनी दस्तक दे रहा है. एक जनवरी को बरवाडीह थाना क्षेत्र के छेछा पंचायत के पठान टोला एक जंगली जानवर के हमले में मुस्ताक खान (60) की मौत हो गयी थी. परिजनों का कहना है कि तेंदुआ के हमले मे मुस्ताक खान की जान गयी है.
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शाम के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते
मुस्ताक खान रविवार की सुबह तकरीबन पांच बजे अपने घर के बाहर शौच के लिए गये थे. इसी बीच किसी जंगली जानवर ने उन पर हमला कर दिया था. मुस्ताक खान की चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजन वहां पहुंचे. लेकिन जंगली जानवर अंधेरे में भागने में सफल रहा. तब तक मुस्ताक खान की मौत हो चुकी थी. परिजनों ने दावा किया कि तेंदुआ के हमले में भी मुस्ताक खान की जान गयी है. सूचना मिलने पर भी वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. जबकि विधायक रामचंद्र सिंह, जिप सदस्य कन्हाई सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय व थाना प्रभारी श्रीनिवास कुमार सिंह तत्काल घटना स्थल पहुंच चुके थे. तकरीबन दो घंटे बाद वनपाल शशांक पांडेय वहां पहुंचे. पांडेय ने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, किसी जंगली जानवर या तेंदुआ के हमले में मुस्ताक खान की जान गयी है. जांच के बाद ही कुछ स्प्ष्ट कहा जा सकेगा.
बहरहाल जो भी छेंछा व आसपास के गांवों के ग्रामीण तेंदुआ के आतंक के साये में रात गुजार रहे हैं. शाम होते ही घरों के दरवाजे बंद हो जा रहे हैं. खासकर बच्चों को अंधेरे में घरों से निकलने नहीं दिया जा रहा है. लोगों ने अहले सुबह टहलना भी बंद कर दिया है. गांवों में शाम ढलते ही वीरानी छा जा रही है.
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