Ashish Tagore
Latehar : पुलिस को माओवादियों खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है. माओवादियों का सब जोनल कमांडर अघनु गंझू पुलिस के हत्थे चढ़ा है. अघनु गंझू माओवादी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू का दाहिना हाथ माना जाता था. उस पर आठ लाख रूपये का इनाम है. पांच लाख झारखंड सरकार व तीन लाख एनआईए ने घोषित किया है. पुलिस ने उसे चंदवा थाना क्षेत्र के बेतर के जंगलों में छापेमारी कर गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने यहां आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सूचना मिली थी कि बेतर के जंगलों में माओवादियों के जोनल कमांडर रविंद्र गंझू का एक दस्ता भ्रमणशील है. इसी सूचना पर एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र के नेतृत्व में एक छापेमारी दल का गठन किया गया. दल ने बेतर जंगल में पहुंच कर छापेमारी की और घेराबंदी कर भाकपा माओवादियों के सब जोनल कमांडर अघनु गंझू को गिरफ्तार किया. शनिवार को उसे जेल भेज दिया गया है.
इसे भी पढ़ें –लोकसभा की आचार समिति ने महुआ मोइत्रा से कहा, दो नवंबर को पेश हों, तिथि आगे नहीं बढ़ेगी
कई कांडों में अघनु गंझू की थी तलाश
पुलिस को अघनु गंझू की कई कांडों में तलाश थी. लातेहार, गुमला, लोहरदगा व रांची जिलों के विभिन्न 15 थानों में उस पर कम से कम 78 मामले दर्ज हैं. वह कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है. वर्ष 2019 में चंदवा थाना क्षेत्र के लुकइया मोड़ के पास पुलिस पार्टी पर की गयी हमले में वह मुख्य आरोपी है. इसके अलावा माल्हन और अन्य थर्ड लाइन रेलवे निर्माण साईट पर उसने आगजनी व फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिया था.
सरेंडर करें उग्रवादी: एसपी
एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि अघनु गंझू के गिरफ्तार होने से जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के सब जोनल कमांडरों की संख्या कम हुई है. रविंद्र गंझू के साथ अघनु बीते 15 वर्षों से अधिक समय से साथ रह रहा था. उसकी गिरफ्तारी से माओवादी कमजोर हुए हैं. अंजन ने माओवादी व अन्य उग्रवादी संगठनों के सदस्यों को पुलिस के समक्ष सरेंडर करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वे झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण व पुर्नवास नीति का लाभ लें और समाज के मुख्यधारा में जुड़ें. उन्होंने कहा कि अगर वे सरेंडर नहीं करते हैं तो वे या गिरफ्तार होगें या फिर पुलिस की गोली के शिकार होंगे.
छापेमारी टीम में ये पुलिस अधिकारी थे शामिल
छापेमारी टीम में एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र, चंदवा थाना प्रभारी बबलू कुमार, पुअनि धमेंद्र कुमार महतो, जमील अंसारी, नारायण यादव, दिव्य प्रकाश, कुंदन कुमार व सुनील टूटी व सअनि चंदन मांझी समेंत सैट-44 व 206 तथा माल्हन पिकेट के जवान शामिल थे.
इसे भी पढ़ें –विकास नहीं, हेमंत सरकार सिर्फ कमाने में लगी है : बाबूलाल