- चंदवा एक बार फिर भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है
- कुछ दिन महीने पहले चंदवा क्षेत्र में डीएमएफटी फंड से तालाब, पीसीसी सड़क के नाम पर पैसों की बंदरबांट की चर्चा
- अब चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जमींदोज कर दिया गया, मिलीभगत से भ्रष्टाचार का आरोप
Rajeev
Chandwa: लातेहार जिले का चंदवा प्रखंड इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में है. सरकार राशि की मिलीभगत से बंदरबांट किया जा रहा है. भवन निर्माण विभाग को चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चहारदीवारी, फेवर ब्लॉक, एमटीसी और कोविड-19 केंद्र का निर्माण करना है. इन कार्यों को अंजाम देने के लिए विभाग ने सारे कानून नियमों को ताक पर रखकर पहले ही बना हुआ अस्पताल भवन को तोड़ दिया. ठेकेदार, इंजीनियर और अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि उनकी मिलीभगत से बिना किसी सरकारी लिखित आदेश के स्वास्थ्य केंद्र के भवन को जमींदोज कर दिया गया.
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कोरोना काल में काम आया था भवन
स्वास्थ्य केंद्र के भवन का वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में उपयोग में लाया गया था. कोरोना मरीज और आम लोगों की जांच इसी भवन में होती थी. आरोप है कि भ्रष्टाचारियों ने अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए भवन का अस्तित्व खत्म कर दिया. अस्पताल प्रबंधन और प्रभारी ने भवन गिराने पर आपत्ति नहीं दर्ज की. इससे ये आशंका गहरा गई है कि ठेकेदार, इंजीनियर के साथ अस्पताल प्रबंधक भी मिले हुए हैं. टूटे भवन के लाखों का सामान बिना नीलामी के कबाड़ में भेज दिया गया. यदि इन सामानों की नीलामी होती तो सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होती.
जनप्रतिनिधियों ने आंदोलन की दी चेतावनी
भ्रष्टाचारियों की करतूत को देखकर स्थानीय जनप्रतिनिधि नाराज हैं और कार्यों को दोषपूर्ण बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. वहीं भवन तोड़े जाने के संबंध में भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता मोहम्मद निसार अहमद ने बताया कि बिल्डिंग को भवन निर्माण विभाग ने नहीं तोड़ा है. उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ये काम अस्पताल के प्रभारी महोदय के द्वारा करवाया गया है. इसके संबंध में वही जानेंगे. कनीय इंजीनियर ने बताया कि भवन निर्माण विभाग को चार काम करने हैं. 1. फेवर ब्लॉक 2. बाउंड्री वॉल 3. एमटीसी वार्ड 4. कॉविड वार्ड का निर्माण करना है. तोड़े गए साइट पर फेवर ब्लॉक लगाना भी नहीं है.
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अस्पताल प्रभारी की सफाई
वहीं अस्पताल प्रभारी ने बताया कि उनके पास भवन तोड़े जाने से संबंधित कोई लिखित आदेश नहीं है. उन्होंने कहा कि शायद सिविल सर्जन के पास हो.