NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने आज मंगलवार को सुबह 11 बजे UPI और Paynow कनेक्टिविटी का शुभारंभ किया. इससे पहले दोनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. बता दें कि इस सुविधा के शुरू होने से सिंगापुर में रह रहे लाखों भारतीयों को फायदा होगा. रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर में भारतीय मूल के 3.45 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. यहां बड़ी संख्या में छात्र और प्रवासी कामगार रहते हैं.
In a first, India links online payment systems for seamless cross-border transactions with Singapore
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— ANI Digital (@ani_digital) February 21, 2023
Digital India program has made possible unprecedented reforms in governance and public service delivery. This is the strength of India’s digital infrastructure that during COVID, we were able to make direct transfers to the bank accounts of crores of people: PM Narendra Modi pic.twitter.com/DcCMDhOdbv
— ANI (@ANI) February 21, 2023
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और सिंगापुर की पे नाउ प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है. उन्होंने यूपीआई को भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बताया और विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि यह जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने इस सुविधा को शुरू किया.
क्रॉस बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी के एक नये अध्याय का शुभारंभ
पीएम मोदी ने कहा, आज हुई इस शुरुआत ने क्रॉस बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी के एक नये अध्याय का शुभारंभ किया है. आज के बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी प्रकार पैसे का हस्तांतरण कर पायेंगे जैसे वे अपने-अपने देशों में करते हैं.उन्होंने कहा कि इस सुविधा से प्रवासी भारतीयों, छात्रों, पेशेवरों और उनके परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा.
कहा कि वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 12,6,000 अरब रूपये से अधिक के 74 अरब लेनदेन हुए हैं. उन्होंने कहा, यूपीआई के जरिए इतनी अधिक संख्या में होने वाला लेनदेन यह दिखाता है कि स्वदेशी स्तर पर तैयार यह भुगतान प्रणाली बहुत सुरक्षित है.
सिंगापुर में रह रहे भारतीय छात्रों को मिलेगा लाभ
जान लें कि भारत के यूपीआई (UPI) की दुनियाभर में लोकप्रियता बढ़ रही है. कहा गया है कि सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर हो सकेंगे. अब सिंगापुर में रहने वाले भारतीय UPI का इस्तेमाल कर भारत में आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. इसके यदि कोई भारतीय छात्र सिंगापुर में पढ़ाई कर रहा है उसके अभिभावक आसानी से डिजिटल पेमेंट कर यूपीआई से उसे पैसे भेज सकेंगे. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में आज से एक नया नाम जुड़ गया है.
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इन देशों में है जारी है UPI सेवाएं
भारत से बाहर इस पेमेंट सिस्टम के लिए सिंगापुर से पहले कई देशों से करार हो चुका है. रुपे के माध्यम से पहले से ही कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है. इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई जैसे देश शामिल हैं. नेपाल में UPI प्लेटफॉर्म लागू करने वाला भारत के बाहर पहला देश है.
ओमान में Rupey कार्ड और यूपीआई प्रयोग में लाया जा रहा है
बता दें कि भूटान में NPCI की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (NIPL) और भूटान की रॉयल मोनेटरी अथॉरिटी भीम-यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए समझौता हो चुका है. ओमान में भी Rupey कार्ड और यूपीआई प्रयोग में लाया जा रहा है. UAE में लुलु फाइनेंसिंग होल्डिंग, मशरक बैंक और नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ समझौता किया जा चुका है. इसके अलावा France में लायरा नेटवर्क और UK terrapay-Payxpert से समझौता है.
सिंगापुर के साथ यूपीआई सेवाओं की शुरुआत के बाद आस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, वियतनाम, जापान, ताइवान जैसे देशों में भी बातचीत जारी है. रिपोर्ट के अनुसार लगभग 30 देशों के साथ UPI प्रणाली को लेकर बातचीत जारी है.