Ranchi : झारखंड में साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर सोमवार से ही दिखने लगा. इसका असर मुख्य रूप से उत्तर- पश्चिमी जिलों जैसे पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा में दर्ज किया गया. जिसके कारण इन जिलों के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गयी. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि मंगलवार को इसका असर पलामू, गढ़वा, चतरा जिलों के अलावा रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी और रामगढ़ में देखने को मिलेगा.
कुछ जगहों पर भारी बारिश संभव
विभाग ने कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की है. वहीं बुधवार को इस साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर पूरे राज्य में देखने को मिल सकता है. जिसके कारण इन दिनों इन स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना तो है ही, इसके अलावा कुछ जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है. वहीं गुरुवार को राज्य के उत्तर-पूर्वी जिले जैसे देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहेबगंज में इसका असर देखने को मिल सकता है. जिसके कारण इन स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है.
31 दिसंबर व एक जनवरी को मौसम साफ रहेगा
वहीं वर्ष के अंतिम दिन राज्य में बारिश के आसार नहीं हैं. विभाग ने केवल सुबह के समय में गहरा कोहरा दर्ज करने का बात कही है. लोग खुलकर न्यू ईयर का स्वागत कर सकते हैं. पर इस दौरान ठंड बढ़ सकती है.
31 दिसंबर से राज्यभर में बढ़ने लगेगी और ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार तक फिलहाल न्यूनतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं जताई गयी है. जब तक राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा, तब तक न्यूनतम तापमान सामान्य रह सकता है. 30 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 11-12 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. पर जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ का असर राज्य से खत्म होगा, तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है. वहीं उच्चतम तापमान में भी गिरावट हो सकती है. 31 दिसंबर से विभाग ने ठंड बढ़ने की संभावना जतायी है.
खेतों से पानी निकालने की व्यवस्था करने का सुझाव
राज्य में अगले दो-तीन दिनों तक होने वाली बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों और उनकी फसलों के लिए चेतावनी जारी करते हुए अपनी फसलों को बचाने के लिए सुझाव भी दिये हैं. राज्य के किसानों ने फिलहाल खेतों में गेहूं, मटर, सरसों, आलू, चना सहित कई तरह की सब्जियां लगायी हुई हैं. बारिश को देखते हुए विभान ने किसानों को सलाह दी है कि फले हुए उपज को वे जल्दी से जल्दी निकाल लें. और जो फसल अभी तैयार नहीं है उनके लिए खेतों में पानी निकलने की व्यवस्था करें, ताकि पानी जमा न हो और फसल बर्बाद न हो. साथ ही चेताया है कि बारिश के बाद फसलों में कीड़े लग सकते हैं. इससे बचाने के लिए किसानों को कीटानाशक दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए.
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