Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) के बाजार में लीची की भरमार देख कभी मन ललच जाता है तो कभी मन भारी हो जाता है. बिन बुलाये इस मेहमान ने बाजार पर इन दिनों कब्जा कर रखा है. दुकानदार-ग्राहक सभी इसकी तीमारदारी में लगे हैं. क्योंकि मेहमान जैसे अचानक आता है, उसी तरह जल्द ही छूमंतर भी हो जाता है. मौसमी फलों में सबसे कम मियाद लीची की होती है, 15 से 20 दिन में खाये-पीये तो ठीक, वरना बारिश होते हैं इनमें कीड़े लग जाते हैं.
बारिश शुरू होते ही लीची में पड़ जाते हैं कीड़े
विक्रेता तुलसी राम बताते हैं कि इन दिनों लीची बाजार में किसी मेहमान से कम नहीं है. शौकीन लोग इसे सीजन के पहले और दूसरे सप्ताह में ही खाना पसंद करते हैं. बाद में बारिश शुरू होती है तो इनमें कीड़े लगने शुरू हो जाते हैं. इसीलिए इस मौसमी फल को मेहमान कहें तो यह गलत नहीं होगा. आम, नारियल पानी, तरबूज, खरबूज आदि लंबे समय तक बाजारों में उपलब्ध होते हैं.
किसिम-किसिम की लीची, कीमत भी ऊंची-नीची
विश्वनाथ खटीक बताते हैं कि फिलहाल बाजारों में कई किस्म की लीची दिख रही है. उन्होंने कहा कि बाजार में लीची की कीमत 70 से लेकर ₹90 के बीच है, जो कि अलग-अलग वेराइटी के लिए है. फिलहाल बाजार में कलकतिया लीची, अली लार्ज रेड लीची तथा मुजफ्फरपुर की लीची का बोलबाला है.
कोरोना काल के बाद इस साल अच्छी कमाई
शंभू यादव को कोरोना काल के बाद लीची में अच्छी कमाई की संभावना दिख रही है. इस वर्ष उपज भी अच्छी हुई है और मार्केट में डिमांड भी अच्छा है, लोग पसंद भी कर रहे और खरीदारी भी. हालांकि मार्केट में बहुत अधिक दिनों तक नहीं बेच सकते. फिर भी जो भी समय मिल रहा है, उसमें अच्छी आमदनी की उम्मीद है.
खाने में दांत की जरूरत नहीं, स्वादिष्ट भी ज्यादा
ग्राहकों में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी लीची पसंद करते हैं. इसे खाने में दांत की जरूरत नहीं होती. बाजार में एक खरीदार ने लीची के गुणों का बखान करते हुए कहा कि यह सबसे अधिक स्वादिष्ट होता है. सिजनली रसगुल्ले से कम नहीं. उन्होंने कहा कि आम गर्मी की शुरुआत में आता है और लंबे समय तक साथ निभाता है. लेकिन लीची कुछ ही दिनों की मेहमान है. इसलिए कोशिश करते हैं कि मार्केट में लीची आने के साथ ही पहले, दूसरे और तीसरे सप्ताह तक इसका स्वाद ले लें. क्योंकि बाद में यह खाने लायक नहीं होता.
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