Lohardaga : आईडी ब्लास्ट में जवान के शहीद होने के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा बुधवार को लोहरदगा पहुंचे हैं. डीजीपी के साथ एडीजी ऑपरेशन नवीन कुमार सिंह और आईजी ऑपरेशन साकेत कुमार सिंह हैं. अधिकारियों की ओर से घटनास्थल के आसपास का मुआयना किया जा रहा है. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पुलिसिया कार्रवाई की रणनीति तैयार हो रही है.
गौरतलब है कि मंगलवार को लोहरदगा के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के जुड़वानी-चपाल के बीच लोहरदगा-गुमला के सीमावर्ती चपाल जंगल में आइईडी ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में सैट-3 के जवान दुलेश्वर प्राश शहीद हो गये थे.
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10 लाख इनामी रविंद्र गंझू के दस्ते के मूवमेंट की सूचना पर चलाया गया था अभियान
पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना मिली थी कि 10 लाख इनामी रविंद्र गंझू दस्ते के साथ किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों की ओर से सर्च अभियान चलाया गया. इसी दौरान जंगलों में नक्सलियों के द्वारा लगाये गये आईडी की चपेट में आने से एक जवान घायल हो गया. जवान को तुरंत रांची लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान मौत हो गयी.
गौरतलब है कि इससे पहले 30 अक्टूबर 2020 को लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट किया था. जिसमें दो पुलिस के जवान घायल हुए थे. नक्सलियों के द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगलों में जगह-जगह आईडी लगाया गया है. इसकी चपेट में आने से सुरक्षा बल और ग्रामीण भी घायल हो रहे हैं.
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तीन जिलों की पुलिस के लिए चुनौती बना है रविंद्र गंझू
लातेहार में हुए नक्सली हमले ने एक बार फिर नक्सल अभियान को सवालों के घेरे में ला दिया है. वहीं तीन जिलों की पुलिस के लिए सरदर्द बन चुका रविंद्र गंझू अबतक गिरफ्त से बाहर है. लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला बांझीटोला का ये रहने वाला है. रविंद्र गंझू भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर और 10 लाख का इनामी है. रविन्द्र गंझू लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिले में पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. इन तीन जिलों में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है.
बता दें कि रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हुई. इन मुठभेड़ में रविंद्र गंझू घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा है.
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