- राज पलिवार ने बीजेपी से बगावत तो नहीं की, लेकिन नाराजगी से बीजेपी को नुकसान का डर
- कहीं एक दिलजले शायर की आह मधुपुर में बीजेपी के अरमानों पर न फेर दे पानी
Ranchi: होली की खुमारी खत्म होते ही मधुपुर की फिजाओं में सियासी रंग उड़ने लगा है. बीजेपी के उम्मीदवार गंगा नारायण सिंह के नामांकन के बाद साफ हो गया कि चुनावी मैदान में दो प्रत्याशियों के बीच टक्कर है. अब मुधुपुर उपचुनाव में एनडीए से गंगा नारायण सिंह और यूपीए से हफीजुल अंसारी मुख्य उम्मीदवार हैं, लेकिन गंगा नारायण सिंह के नामांकन और उसके बाद हुए चनावी सभा में राज पलिवार की गैर-मौजूदगी ने बीजेपी खेमे की धड़कनें बढ़ा दी है. दीपक प्रकाश, बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे समेत दर्जन भर बड़े नेता चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, लेकिन राज पलिवार कहीं नजर नहीं आये.
गंगा नारायण को टिकट दिये जाने के बाद वे हताश और निराश तो हैं. उन्होंने पार्टी से बगावत नहीं कर संगठन का सच्चा सिपाही होने का प्रमाण दिया है, लेकिन उनका नामांकन और चुनावी सभा में नहीं आना उनकी नाराजगी की गवाही दे रहा है.
उपचुनाव में भी बीजेपी के पास राम मंदिर, धारा 370 ही मुद्दा
नॉमिनेशन के बाद हुए चुनावी सभा में बीजेपी ने साफ कर दिया कि वो यहां हिंदुत्व, राम मंदिर और धारा 370 जैसे मुद्दों को उठाकर अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने वाली है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने चुनावी सभा में कहा कि यह चुनाव झारखंड की तकदीर बदलने वाला है. तुष्टिकरण के खिलाफ लड़ाई का संकल्प है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का, राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे और पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक का सूबत मांग रहे थे ऐसे लोगों की गाल पर तमाचा मारने का वक्त आ गया है. कहा कि यूपीए ने ऐसे उम्मीदवार को चुनाव में उतारा है जिसने कभी जनता से मुलाकात तक नहीं की.
बसकुप्पी का कोयला बेचते थे हफीजुल- निशिकांत
सांसद निशिकांत झा ने कहा कि इस उपचुनाव में बीजेपी के कार्यकर्ता रावण की लंका दहन करने के लिए तैयार हैं. हफीजुल अंसारी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा हफीजुल बसकुप्पी का कोयला बेचते थे. पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि इस उपचुनाव में बीजेपी हेमंत सरकार की हर झूठ का पोल खोलेगी. गंगा नारायण सिंह ने कहा कि उपचुनाव जीतकर वो मधुपुर सीट बीजेपी की झोली में डालेंगे. उन्होंने हफीजुल पर भी हमले किये. विधायक रंधीर सिंह ने कहा कि इस चुनाव में साजिश के तहत कई वोटकटवा खड़े किये गये हैं. ऐसे लोगों को एक भी वोट न मिले.
अंतिम समय तक पलिवार ने नहीं छोड़ी थी उम्मीद, अब बन गये शायर
बीजेपी के नेताओँ ने नॉमिनेशन के बाद सभा में खूब हुंकार भरी, लेकिन उन्हें यह भी पता है कि राज पलिवार की नाराजगी दूर नहीं की गयी और उपचुनाव में उनका पूरा सपोर्ट नहीं मिला तो बीजेपी यह सीट गंवा सकती है. उधर गंगा नारायण सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी राज पलिवार को उम्मीद थी की उनका टिकट नहीं कटेगा. उन्होंने 25 मार्च को जमनी, लक्खीबाजार, पथरौल और सिरसा में जनसंपर्क कर लोगों से बातचीत की थी. इसके बाद गंगा नारायण सिंह को टिकट दिये जाने की घोषणा होने के बाद राज पलिवार दिलजला शायर बन गये हैं.
अपने फेसबुक में उन्होंने एक शेर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा मुसाफिर कल भी था, मुसाफिर आज भी हूं. कल अपनों की तलाश में था, आज अपनी तलाश में हूं. इसके बाद राज पलिवार सोशल मीडिया और मीडिया दोनों से दूर हो गये. अब देखना दिलचस्प होगा कि राज पलिवार को दरकिनार कर बीजेपी इस उपचुनाव में यूपीए को शिकस्त दे पाती है या नहीं.
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