Dhanbad: वैश्विक महामारी कोविड काल में भी गरीबों को दिए जा रहे सरकारी अनाज पर माफियाओं की काली नजर है. बताया जा रहा है कि माफिया पीडीएस दुकानदारों से मिलकर सरकारी चावल की खरीदारी करते हैं. और उसे 25 किलो के बोरे में पैक कर बोकारो में खपाते हैं. आरोप है कि चावल माफिया पीडीएस दुकानदार से 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदारी करते हैं. और फिर उसे बोकारो ले जाकर 20 रुपये प्रति किलो बेचते हैं. बड़े पैमाने पर यह धंधा धनबाद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में चल रहा है. इन काले कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए धनबाद के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर चंदन कुमार द्वारा लागातर कार्रवाई की जा रही है. बावजूद इसके सरकारी चावल की काला बाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है.
इसे भी पढ़ें- शांत लक्षद्वीप को तबाह क्यों किया जा रहा है?
गरीबों के हक पर डाका, केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू
ताजा मामला धनबाद झरिया के सुदामडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत का है. जहां मंगलवार को बिरसा पुल स्थित चेक पोस्ट पर सुदामडीह पुलिस ने 40 पैकेट पीडीएस चावल लदे वाहन को पकड़ा है. चालक ने बताया कि चावल धनबाद से बोकारो ले जाया जा रहा था. पकड़े गए चावल की जानकारी सुदामडीह पुलिस ने पीडीएस अधिकारियों को दी. जिसके बाद पीडीएस के मार्केटिंग ऑफिसर सुदामडीह थाना पहुंचे और पकड़े गए चावल की जांच में जुट गए. 24 घंटे की जांच के बाद मार्केटिंग अधिकारियों ने बुधवार को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर लिया है. वाहन चालक और चावल मालिक आकाश कुमार रजक के नाम पर मेमो था. फिलहाल पुलिस केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
इसे भी पढ़ें- गोमिया CITU ने केंद्र की किसान विरोधी नीतियों का किया विरोध, मनाया काला दिवस
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई में मिली सफलता
वहीं इस मामले को लेकर थाना के प्रभारी आदित्य कुमार नायक ने बताया कि, पुलिस को मिली गुप्त सूचना के बाद सुदामडीह थाना स्थित बिरसा पुल से चावल लदा वाहन मंगलवार को पकड़ा गया था. जिसके बाद मार्केटिंग ऑफिसर द्वारा जांच के बाद बुधवार को चालक और चावल मालिक पर एफआईआर दर्ज की गई है. जिसके बाद पकड़े गए चालक को जेल भेज दिया गया और चावल मालिक की तलाश की जा रही है. हालांकि इस कार्रवाई के बाद सरकारी चावल की काला बाजारी करने वालों में हड़कंप मच गया है. वहीं गिरफ्तार वाहन चालक ने मीडिया को बताया कि चावल अखलेश गुप्ता का है. इसे बोकारो जिला अंतर्गत कृति मेहता के पास ले जाया जा रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की हर एंगल से जांच पड़ताल में जुट गई है.
इसे भी पढ़ें- सीएम ने आंकड़ा जारी कर किया खंडन, तो बन्ना ने कहा, “झूठ-फरेब के सहारे झारखंड को बदनाम कर रही केंद्र”
स्थानीय पत्रकारों पर झूठा केस करने की धमकी
वहीं इस ख़बर को बनाने पर अवैध चावल माफियाओं द्वारा स्थानीय पत्रकारों पर झूठा केस करने की धमकी दी जा रही है. आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि चावल माफिया पत्रकारों पर झूठा केस करने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले भी चावल माफिया पत्रकार पर झूठा केस दर्ज करा चुके हैं. और साथ ही जानलेवा हमला भी किया गया था. चावल माफियाओं का कहना है कि पुलिस हो या पीडीएस के अधिकारी सभी को पैकेज दिया जाता है. हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. जो पैकेज नहीं लेता है उसे रंगदारी केस में फंसा दिया जाता है.