Kolkata : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को चाय पर बुलाया है. ममता द्वारा श्री घोष को राज्य सचिवालय में चाय पर आमंत्रण दिये जाने के बाद से बंगाल में सियासी अटकलें तेज हो गयी है. इस खबर के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन है कि ममता बनर्जी बंगाल में भाजपा को बांटने की कोशिश में लग गयी हैं. जान लें कि इससे पहले भाजपा के बड़े नेता मुकुल रॉय की टीएमसी में घर वापसी हुई थी
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ममता के साथ दिलीप घोष, तथागत रॉय और सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे
बता दें कि रविवार, 15 अगस्त को राजभवन में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित चाय पार्टी में सीएम ममता बनर्जी के साथ भाजपा नेता दिलीप घोष, तथागत रॉय और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने दिलीप घोष को राज्य सचिवालय में चाय पर आमंत्रण दिया, इतना ही नहीं ममता द्वारा उन्हें काली पूजा में आने का भी न्यौता दिये जाने की खबर है. दिलीप घोष द्वारा आमंत्रण स्वीकार करने के बाद से बंगाल भाजपा में इस बात की चर्चा जोरों पर है.
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ममता भाजपा को हल्के में लेना नहीं चाहती
जानकारों का मानना है कि 2019 के बाद से बंगाल में भाजपा को मिली सफलता से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है. यहां तक कि विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के कई नेता भाजपा में शामिल हो गये थे इसके बाद ममता बनर्जी को लगने लगा कि भाजपा बंगाल में उनके लिए चुनौती बन रही है. हालांकि विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली लेकिन अभी भी वह भाजपा को हल्के में लेना नहीं चाहती हैं. इसलिए अब उनकी नजर बंगाल भाजपा के बड़े नेताओं पर है.
ममता बनर्जी ने बिमान बोस को राज्य सचिवालय में चाय पर बुलाया था
बता दें कि दिलीप घोष के समर्थक उन्हें बंगाल में भाजपा को फिर से जीवंत करने का श्रेय देते हैं. वे सुवेंदु अधिकारी को विपक्ष का नेता नियुक्त किये जाने से नाराज हैं. सूत्रों का कहना है कि इस बात से दिलीप घोष भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. थोड़ा पीछे जायें तो वर्ष 2014 में ममता बनर्जी ने वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बोस समेत वामो के कुछ नेताओं को राज्य सचिवालय में चाय पर बुलाया था. जहां वाम दल को नेताओं ने ममता के साथ बैठ कर चाय और फिश फ्राई का मजा लिया था.