Kolkata : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी के बीच क्या खिचड़ी पक रही है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है. खबर है कि अडानी समूह पश्चिम बंगाल में काफी रुचि दिखा रहा है. अडानी ग्रुप बंगाल मे पोर्ट और सड़क के आधारभूत ढांचे से लेकर एथनॉल तक में इंट्रेस्ट ले रहा है.
इसी क्रम में जानकारी सामने आयी है कि गौतम अडानी के बेटे करण अडानी ने पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी से मुलाकात की है. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच संभावित निवेश को लेकर चर्चा हुई. बता दें कि इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा, अंबानी-अडानी भी चाहिए और कृषि भी चाहिए.
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मीटिंग में मुख्य सचिव एच के द्विवेदी शामिल हुए
करण कल गुरुवार 10 फरवरी को ममता से प बंगाल सचिवालय में मिले थे. सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में राज्य में संभावित निवेश पर चर्चा की गयी. राज्य सरकार के एक उच्चाधिकारी ने इस मुलाकात की जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई को दी.
बंगाल सरकार के वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन से करीब दो महीने पहले हुई इस भेंट में ताजपुर में प्रस्तावित गहरे समुद्री बंदरगाह के निर्माण पर चर्चा हुई, देउचा-पंचमी कोयला खनन परियोजना में संभावित निवेश पर भी की गयी. मीटिंग में मुख्य सचिव एच के द्विवेदी और बाकी सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए.
खबरों के अनुसार करण अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लि (Adani Ports & SEZ Ltd. : APSEZ) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं. अडानी समूह के अनुसार, मौजूदा समय में वह ग्राहकों के लिए और अधिक मूल्य जोड़ने के मकसद से एक इंटीग्रेटेड (एकीकृत) लॉजिस्टिक्स कंपनी बनाने के लिए APSEZ में एक फेरबदल का नेतृत्व कर रहे हैं.
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करण अडाणी अमेरिका की Purdue University से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं
करण अडाणी अमेरिका (यूएसए) के पर्ड्यू विश्वविद्यालय (Purdue University) से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं. साथ ही वैश्विक दृष्टिकोण के साथ टेक सेवी (तकनीकी रूप से जानकार) हैं. करण ने एपीएसईजेड की विकास रणनीति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है. नतीजतन दो बंदरगाहों से दस बंदरगाहों और टर्मिनलों की एक स्ट्रिंग में तेजी से विस्तार हुआ है.फोर्ब्स इंडिया पत्रिका ने 2008 में उन्हें अपनी टायकून्स ऑफ टुमॉरो की लिस्ट में शामिल किया था.