Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मसानजोर डैम को लेकर दायर जनहित याचिका की थी. हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मौखिक रूप से कहा कि राज्य सरकार इसे हल्के में ना लें, यह बहुत गंभीर मामला है. राज्य सरकार अपने अधिकार के प्रति भी सजग नहीं है, उन्हें सजग होना चाहिए. अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान मसानजोर डैम के निर्माण के समय जो एग्रीमेंट हुआ था, उसे अदालत में पेश करने को कहा है.
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मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी
झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के आलोक में सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया, तब लेकिन बहुत पूर्व में ही जवाब पेश किया गया था. इसलिए सरकार को फिर से इस मामले में अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. इस बीच सरकार को अद्यतन जानकारी पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को जानकारी दी गयी कि वर्ष 2019 में सरकार की ओर से जवाब पेश कर बताया गया था कि डैम का पानी झारखंड में नहीं आता है, लेकिन बाद में फिर जो जवाब आया उसमें बदलाव है, ऐसे में फिर से जवाब पेश करने को कहा है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार के बीच दुमका स्थित यह मसानजोर डैम है, जिसकी पानी और बिजली की सुविधा की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने इस पानी की सुविधा वहां के किसानों को मिले, इसकी मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, उसी याचिका पर सुनवाई हुई.