Lucknow : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने विरासत कर पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ( सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा) के बयान को लेकर उठे विवाद पर कहा कि निजी संपत्ति पर विरासत टैक्स की सोच और उसकी पैरवी कांग्रेस की गरीबी हटाओ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास है. साथ ही कहा कि कांग्रेस का अपनी ऐसी दाग़दार विरासत से मुक्ति पाना मुश्किल है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
1. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भारत में धन के वितरण की आड़ में, अमेरिका की तरह, निजी सम्पत्ति पर ’विरासत टैक्स’ की सोच व उसकी पैरवी गरीबों की भलाई का कम व राजनीति से प्रेरित इनकी ’गरीबी हटाओ’ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास ज्यादा लगता है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) April 25, 2024
सरकारों की सही नीयत के अभाव के कारण गरीबी, पिछड़ापन, दूर नहीं हो पाये
मायावती ने आज गुरुवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर सैम पित्रोदा की तरफ इशारा करते हुए कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भारत में धन के वितरण की आड़ में अमेरिका की तरह निजी संपत्ति पर विरासत टैक्स की सोच व उसकी पैरवी करना गरीबों की भलाई का कम, और इनकी गरीबी हटाओ की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास ज्यादा लगता है. उन्होंने कहा, जहां तक भारत में संपत्ति और सरकारी भूमि के वितरण आदि से जुड़े मामलों में दलितों व वंचितों के लिए न्याय का सवाल है, तो इनकी (कांग्रेस की) सरकारों की सही नीयत के अभाव के कारण यहां गरीबी, पिछड़ापन, पलायन की विवशता आदि दूर नहीं हो पायी.
पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के छुपे हुए एजेंडा को उजागर कर दिया है
कांग्रेस को उसकी ऐसी दाग़दार विरासत से मुक्ति मिलना मुश्किल है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा द्वारा अमेरिका में विरासत कर कानून के बारे में बात करने और धन के पुनर्वितरण के मुद्दे का जिक्र किये जाने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने पित्रोदा की विरासत कर’वाली टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कहा था कि इसे सनसनीखेज बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनाव अभियान से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास है. मोदी अपनी चुनावी रैलियों में पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर तीखे वार कर रहे हैं. वह जोर देकर कह रहे हैं कि पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के छुपे हुए एजेंडा को उजागर कर दिया है और यह पार्टी देश के सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों से इतनी दूर हो गयी है कि वह कानूनी रूप से लोगों से उनकी संपत्ति लूटना चाहती है.