Medininagar: अंग्रेजी कैलेंडर के नए वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या वह हिंदी नववर्ष के अंतिम दिन सोमवार को मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई. श्रद्धालुओं ने स्नान दान व कथा का श्रवण किया. वहीं कई लोगों ने नदी में स्नान के बाद पितरों का तर्पण कर अपने कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की. विवाहित स्त्रियों ने अपने पति के दीर्घायु की कामना, सनातन सुख, धन्य धान्य आदि को लेकर व्रत भी रखा. बारालोटा स्थित अष्टभुजी मंदिर में पं. घनश्याम तिवारी शांडिल्य ने पूजा के बाद धार्मिक ग्रंथों में आज के दिन का विशेष महत्व बताया. कहा जाता है कि सोमावती अमावस्या मतलब जिस सोमवार को अमावस्या हो उस दिन को ब्रह्म दिवस माना जाता है. महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करनेवाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा. ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों के आत्माओं को शांति मिलती है.
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