Ranchi : चारा घोटाले के तर्ज पर हजारीबाग में कोयले की ढुलाई का मामला प्रकाश में आया है. जहां लाखों टन कोयले की बाइक, ऑटो और कार से अवैध ढुलाई की गई है. यह मामला झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाने का है. जहां एनटीपीसी की पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने यह हेराफेरी की है.
यह मामला बीते 7 जनवरी 2019 को प्रकाश में आया था. खनन विभाग के अधिकारी ने बड़कागांव थाना में आवेदन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी मामला दर्ज नहीं हो पाया है. जिसको लेकर मंटू सोनी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत किया था. जिसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इसपर संज्ञान लेते हुए एक महीने के अंदर विजिलेंस ऑफिसर को कार्रवाई का निर्देश दिया है.
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इन वाहनों के फर्जी नंबर से की गई कोयला की ढुलाई
ऑटो– जेएच 05 एसी 1320 112
कार- जेएच 05 ए 2828 250
मोटरसाइकिल : जेएच 02 एक्यू 1170, जेएच 05ए 0689, जेएच 05ए 2618 , जेएच 05ए 2619, जे एच 05 एसी 9791, जेएच-05ए 2622, जेएच 05 एसी 1359, जेएच 05 एसी 1509, जेएच02 एई 9031 और जेएच 02एफ 0526
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शिकायत पीएमओ से की गई थी
इस मामले की शिकायत मंटू सोनी ने पीएमओ से की थी. पीएमओ ने मामले में संज्ञान लेते हुए 11 जनवरी 2022 को झारखंड के डायरेक्टर ऑफ माइंस और डिप्टी डायरेक्टर ऑफ माइंस को जांच करने का निर्देश दिया है. इससे पहले यह मामला 2017 में तत्कालीन जिला खनन विभाग की नजर में आया था. तब उन्होंने 3 महीने की रैंडम जांच में पाया था कि 25 हजार टन कोयले की ट्रांसपोर्टिंग सिर्फ कागजों पर की गई है. जिन गाड़ियों के नंबर चालान में ट्रांसपोर्टरों ने दर्ज किये हैं. वे बाइक, ऑटो और कार के थे. इसके बाद तत्कालीन डीएमओ नीतेश कुमार गुप्ता ने 7 जनवरी 2019 को बड़कागांव थाना में एफआईआर के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक केस दर्ज नहीं हुआ है.
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आसपास के इलाके और कोयले भट्टे में बेचा जाता है कोयला
जानकारी के मुताबिक खनन कंपनियों के साथ-साथ सफेदपोश ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर और स्थानीय लोगों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कोयले की हेरफेर की गई. एनटीपीसी से निकलने वाले कोयले को आसपास के ईट-भट्ठे और दूसरे जिलों में बेचा जाता है.
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