Ranchi: आजसू पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने प्रेस कांफ्रेस कर मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथिली को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने पर को लेकर सरकार को पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने जेएसएससी के तहत मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट स्तर की परीक्षाओं में अलग-अलग जिलों के हिसाब से क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से संबंधित जो अधिसूचना जारी की है, इसे लेकर राज्यभर में विरोध जारी है. मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथिली को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने के निर्णय से झारखंडी युवा काफी आक्रोशित हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथिली झारखंड की माटी की भाषा नहीं. ऐसे में इन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं. साथ ही उनका यह कहना है कि सरकार के इस निर्णय से झारखंड एवं झारखण्डियों का हक मारा जाएगा.
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25 और 26 जनवरी को आंदोलन
मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथिली के विरोध में आजसू का आंदोलन 25 एवं 26 जनवरी को होगा. देवशरण भगत ने कहा कि इन भाषाओं को लेकर अगर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो 25 जनवरी धनबाद, बोकारो एवं गिरिडीह में आजसू पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे. 26 जनवरी को झारखंड आंदोलन के मसीहा स्व. बिनोद बिहारी महतो जी के समाधि स्थल से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे.
झारखंड की संपदाओं की लूट में शासन प्रशासन के लोग सीधे तौर पर जुड़े हैं
प्रेस कांफ्रेस में देवशरण भगत ने राज्य की खनिज संपदा की लूट को लेकर झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा संपदा कि लूट में शासन प्रशासन के लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं और अवैध कमाई के हिस्सेदार भी हैं. संसाधनों की लूट को रोकने के लिए आजसू पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी और हर मोर्चे पर सरकार को चुनौती देगी. इसे लेकर गिरिडीह के सांसद एवं आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ कोयला के अवैध कारोबार के खिलाफ कल सड़क पर उतरे, गाड़िया जब्त की. कोल माफिया झारखंड को लूट रहे हैं और इसका विरोध करने वाले लोगों को जान से हाथ धोने की धमकी दी जा रही है.
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