LagatarDesk : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. शनिवार को गहलोत ने कहा कि यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है. गहलोत ने ट्वीट किया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम जनता त्रस्त है. पिछले 11 दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं. यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय से आधी हैं, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन त्रस्त है। पिछले 11 दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं। यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल UPA के समय से आधी हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
1/5— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2021
परिवहन खर्च अधिक होने के कारण राजस्थान में पेट्रोल मंहगा
ईंधन की कीमतें राज्य के हिसाब से अलग-अलग हैं. इसका कारण राज्यों द्वारा लगाया जाने वाला वैट है. राजस्थान में पेट्रोल पर सर्वाधिक वैट वसूला जा रहा है. यहां पेट्रोल पर 36 फीसदी और डीजल पर 26 फीसदी वैट है. श्रीगंगानगर में तेल की आपूर्ति जयपुर और जोधपुर से होती है. अधिक दूरी की वजह से परिवहन खर्च ज्यादा हो जाता है. पेट्रोल जयपुर में श्रीगंगानगर के मुकाबले चार रुपये सस्ता है. जबकि पिछले दिनों सरकार ने दो प्रतिशत वैट में कटौती की थी.
इसे भी पढ़े:दुमका: रसोईया संघ की समस्या को लेकर विनोद सिंह ने सरकार पर साधा निशाना
मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये व डीजल पर 31.80 रुपये लेती है टैक्स
गहलोत के ट्वीट करके कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लेती है. जबकि 2014 में यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये और डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी लिया जाता था. मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूजी घटानी चाहिए.
मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये एवं डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जबकि 2014 में यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये एवं डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी। मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए।
2/5— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2021
आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकार बढ़ा रही वैट
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार…घटाया है. अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार.. बढ़ाया है. इसलिए राज्य सरकारों को अपने आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए वैट बढ़ाना पड़ रहा है.
मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार घटाया है और अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी एवं स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार बढ़ाया है।इससे अपने आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकारों को वैट बढ़ाना पड़ रहा है।
3/5— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2021
राज्य सरकार ने पिछले महीने घटाया था वैट
गहलोत ने कहा कि कोरोना के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है . राज्य का राजस्व घटा है. लेकिन आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ही वैट में 2 फीसदी की कटौती की है. मोदी सरकार ऐसी कोई राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ा रही है.
इसे भी पढ़े:प्रश्नपत्र लीक का मामला गरमाया, तेजस्वी यादव ने सरकार पर उठाए सवाल
मध्य प्रदेश में राजस्थान से ज्यादा टैक्स
गहलोत के ट्वीट में कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि राजस्थान सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लगाती है, इसलिए यहां कीमतें ज्यादा हैं. भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर राजस्थान से ज्यादा टैक्स लगता है, इसीलिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत भोपाल से कम है.
कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि राजस्थान सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक टैक्स लगाती है इसलिए यहां कीमतें ज्यादा हैं। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर राजस्थान से ज्यादा टैक्स लगता है इसीलिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत भोपाल से कम है।
5/5— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2021