-रांची नगर निगम और नगर विकास विभाग कराएगा सर्वे, कंपनी बताएगी कैसे होगा नालियां का उपयोग
-इंजीनियरों की कलाकारी, शहर में बिना सोचे समझे कराया पांच प्रकार के नालियों का निर्माण
Amit Singh
Ranchi : झारखंड बनने के बाद से लेकर अबतक रांची में 14.01 लाख मीटर लंबी नालियों का निर्माण हुआ. जिसमें से 65 प्रतिशत नालियां डेड हो गयी हैं. ज्यादातर डेड नालियों में कचरा जाम हो गया है. रांची नगर निगम और पथ निर्माण विभाग की ओर से इन नालियों का निर्माण बिना सोचे समझे, बेतरतीब ढंग से कराया गया है. हल्की बारिश होने पर नालियां शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है. शहर की कई सड़कें थोड़ी बारिश के बाद तालाब में तब्दील हो जाती है. क्योंकि बारिश का पानी नालियों से जाने के बजाय सड़कों पर जमा हो जाता है.
रांची नगर निगम और नगर विकास विभाग शहर में नालियों के सदुपयोग के लिए सर्वे करायेगा. इसके लिए जल्द कंसल्टेंट कंपनी को नियुक्त किया जाएगा. जिसकी प्रक्रिया चल रही है. कंपनी यह बताएगी कि नालियों को कैसे आपस में जोड़ा जाये. ताकि इनमें से ज्यादा से ज्यादा पानी एक साथ शहर से बाहर जा सके. राजधानी को जलभराव से निजात मिल सके. इसके अलावा नये नालों का निर्माण भी कराया जाएगा. शहर का सर्वे रिपोर्ट पेश होने के बाद नये नालों और नालियों के निर्माण का निर्णय होगा.
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नगर निगम क्षेत्र में है 8.44 लाख मीटर खुली नालियां
रांची नगर निगम क्षेत्र में नालियों की कुल लंबाई 14,01,808 मीटर है. जिसमें शहरी क्षेत्र में 8,44,113 मीटर नालियां खुली हुई हैं. जबकि ढंकी नालियों की लंबाई 5,57,390 मीटर है. पिछले पांच साल में पथ निर्माण विभाग और रांची नगर निगम ने राजधानी के विभिन्न हिस्सों में करीब 65 करोड़ रुपये की लागत से कई नालियां बनवायी हैं.
मगर जैसे-तैसे बनायी गयी इन नालियों में बारिश का पानी नहीं जा पा रहा है. शहर में ऐसे कई इलाके हैं. जहां नालियां हैं. इसके बाद भी बारिश का पानी घरों में घुस जाता है.
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जानिए रांची में बनी पांच प्रकार के नालियों की लंबाई
कवर्ड नालियां : 557 किमी
पक्की नालियां : 1153 किमी
खुली नालियां : 844 किमी
बड़ी नालियां : 644 किमी
कच्ची नालियां : 248 किमी
सर्वे में पार्षदों से भी मांगी जायेगी सलाह
कंसल्टेंट कंपनी सर्वे में देखेगी कि कहां-कहां नाले की जरूरत है. क्षेत्र में कहां नाली की जरूरत ज्यादा है. इसके लिए पार्षदों से भी उनकी सलाह ली जाएगी. उनके सलाह पर ही नालियों के निर्माण से संबंधित निर्णय लिया जाएगा.
जहां बड़े नाले की जरूरत है और स्थान उपलब्ध होगा. तो वहां बड़े नालों का निर्माण कराया जाएगा. जहां नालियों की जरूरत है, वहां नालियां बनाई जाएंगी.
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