- 2019 में मेसर्स भारत इलेक्ट्राॅनिक्स को एमओयू कर दिया गया काम, पांच साल लिये हुआ एमओयू
- शर्तों के मुताबिक 20535 वेतन मिलना था प्रत्येक नेटवर्क इंजीनियर को
Ranchi : जैप आईटी की ओर से साल 2019 में नेटवर्क इंजीनियरों की बहाली की गयी. नेटवर्क इंजीनियरों की बहाली राज्य के कोर्ट और जेल में वीडियो कांफ्रेसिंग प्रोजेक्ट के लिए किया गया. इसके तहत 116 इंजीनियर बहाल किये गये. इंजीनियरों की बहाली को दो साल होने को है, लेकिन नियुक्ति शर्तों के मुताबिक इन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. नियुक्ति शर्तों के मुताबिक एक इंजीनियर का मासिक वेतन 20535 है. जबकि नियुक्ति के बाद से इंजीनियरों को हर महीने 9400 रुपये दिये जा रहे. राज्य में नेटवर्क इंजीनियरों की बहाली के लिए जैप आइटी, कारा महानिरीक्षक की ओर से मेसर्स भारत इलेक्ट्राॅनिक्स लिमिटेड से एमओयू किया गया. कपंनी की ओर से ही राज्य में नेटवर्क इंजीनियर बहाल किये गये. पिछले कुछ दिनों से इंजीनियरों की ओर से अलग अलग स्तर पर पत्राचार कर मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है.
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47.99 करोड़ में हुआ एमओयू
राज्य में नेटवर्क इंजीनियरों की बहाली के लिये 47.99 करोड़ रुपये का एमओयू किया गया. एमओयू जैप आइटी, कारा महानिरीक्षक, हाईकोर्ट और मेसर्स भारत इलेक्ट्राॅनिक्स के बीच किया गया. प्रोजेक्ट की समयावधि पांच साल की है. ऐसे में और तीन साल कंपनी के पास समय है. फरवरी 2019 में किये एमओयू के तहत कंपनी ने नेटवर्क इंजीनियर बहाल किये. आरटीआई के जरिये प्राप्त दस्तावेजों से जानकारी होती है, कंपनी ने इंजनीयिरों को हर महीने 20535 रुपये देने की बात की थी. एमओयू इसी शर्त पर हुई, लेकिन एजेंसी कर्मियों को नियम के मुताबिक वेतन नहीं दे रही है. कंपनी ने इंजीनियरों की बहाली करते हुए जैप आइटी और कारा महानिरीक्षक को जानकारी भी दी थी.
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मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
पिछले दिनों नेटवर्क इंजीनियरों की ओर से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया. इसमें मामले की जानकारी दी गयी. पत्र में जिक्र है कि नियुक्ति के बाद से नेटवर्क इंजीनियरों को शर्त अनुसार वेतन नहीं दिया गया है, जबकि एमओयू पूरी होने में अभी तीन साल है. ऐसे में वेतन बढ़ाने की मांग की गयी है. बता दें नेटवर्क इंजीनियरों की बहाली सिविल कोर्ट में भी की गयी है.