हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की जनता ने अलग-अलग दलों को दिया मौका, किसी ने नहीं किया विकास
11 नेताओं को अब तक लोकसभा भेज चुकी है जिले की जनता. 07 बार भाजपा, दो बार कांग्रेस व दो बार गठबंधन को जिताया
Pramod Upadhyay
Hazaribagh: हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की जनता अब तक 11 बार अलग-अलग दलों के प्रत्याशियों को चुनकर संसद भेज चुकी है. सात बार भाजपा, दो बार कांग्रेस और दो बार गठबंधन के प्रत्याशी सांसद चुने जा चुके हैं. इनमें से कोई बाहरी नहीं है. इसके बावजूद जिला समुचित विकास से वंचित रहा है. जिले में प्लांट, फैक्ट्री और रोजगार की व्यवस्था करना तो दूर की बात, कई गांवों में आज भी कई सड़कें, नालियां और गलियां अधूरी हैं. वहीं शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करें तो गांव-गांव मं् करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग खड़ी कर दी गई है, लेकिन उसमें न तो डॉक्टर हैं और न ही स्वास्थ्य से संबंधित कोई व्यवस्था. वहीं शिक्षा व्यवस्था तो सबसे ज्यादा बदहाल है. प्रत्येक वर्ष स्कूल और अस्पताल की बिल्डिंग बनाई जाती है, लेकिन जरूरत के अनुसार डॉक्टर और शिक्षक नहीं होने के कारण करदाता के करोड़ों रुपये बर्बाद हो जाते हैं. सांसद कभी लोकसभा में शिक्षक और डॉक्टर की कमी का मुद्दा नहीं उठाते हैं और न ही चुनाव के समय जनता को कभी स्कूल में शिक्षा पर सुधार करने की आश्वासन देते हैं. हालांकि वह चुनाव के समय जनता को लुभाने का प्रयास जरूर करते हैं. जैसे-लाल कार्ड, हरा कार्ड, पीला कार्ड और पेंशन का लालच देकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. हालांकि यह भी कड़वा सच है कि जनता भी चुनाव में शायद ही इन मुद्दों पर कभी मतदान करते हैं. अगर ऐसा होता तो स्थिति बदल सकती थी.
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जीतने के बाद जनता को भूल जाते हैं नेता : नरेन राणा
कटकमसांडी प्रखंड के पबरा निवासी नरेश राणा ने बताया कि हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की जनता सभी पार्टियों को मौका दे चुकी है. सात बार भाजपा प्रत्याशी को जिताया, दो बार कांग्रेस और दो बार गठबंधन के प्रत्याशी चुनकर संसद भेजे, लेकिन इन सांसदों ने जनहित के मुद्दों पर कभी बात नहीं की. कभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम नहीं किया. एक बार जीतने के बाद आम जनता से बात तक नहीं करते. हां, यह जरूर कहते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए करोड़ों रुपये के भवन बनवा देंगे, लेकिन कभी संसद में शिक्षक और चिकित्सक की कमी का मुद्दा नहीं उठाते. पांच साल बीत जाने के बाद फिर से नेता जी भोले भाले लोगों को व्यक्तिगत लाभ देने की बात कह कर गुमराह करते हैं.
हर बार निराशा ही हाथ लगी : किशोरी राम
कंसार निवासी किशोरी राम ने बताया कि अब तक चुने गए सभी सांसद हजारीबाग जिले के रहे हैं. इसके बावजूद इन्होंने क्षेत्र का समुचित विकास नहीं करवाया. जिले की जनता ने अब तक विभिन्न दलों के 11 नेताओं को चुनकर इस उम्मीद से लोकसभा भेजा कि आम लोगों का मुद्दे संसद में उठाए जाएंगे, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. आज भी बेरोजगार महिला, पुरुष दूसरे राज्य में जाकर काम करने के लिए मजबूर हैं.
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सांसद का विकास हुआ, क्षेत्र का नहीं : रामू
खुटरा निवासी रामू ने बताया कि सात बार भाजपा के सांसद चुने गए, जिनमें तीन बार जसवंत सिन्हा और दो बार जयंत सिन्हा, एक बार महावीर विश्वकर्मा और एक बार यदुनाथ पांडे. कांग्रेस के दामोदर पांडे दो बार सांसद चुने गये और दो बार गठबंधन के भुवनेश्वर मेहता को जनता ने चुनकर लोकसभा भेजा. ये सभी हजारीबाग जिले के हैं. सांसद चुने जाने के बाद इनका विकास खूब हुआ, लेकिन जिले का नहीं.
एक प्लांट आया वह भी अधूरा : अनिल कुमार
सदर प्रखंड के डंडे निवासी अनिल कुमार ने बताया कि तीन साल पहले शहर के चानो में गैस फ्यूल का प्लांट लग रहा था, जिसमें कई लोगों को रोजगार मिल सकता था. लेकिन वह आज तक अधूरा है. फिर से चुनाव आ गया. अब नेताजी अपनी क्या उपलब्धि गिनवाएंगे.