Ranchi : कुर्मी सांसदों के संग रांची प्रेस क्लब में रविवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता प्रश्नजीत महतो ने किया. उन्होनें कहा कि कुर्मी समाज की आदिवासी समाज की तरह अपनी संस्कृति है. अपनी भाषा हैं. इसके बाद भी कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नही देना समाज के साथ छलावा है. वहीं गिरिडीह सांसद चद्रप्रकाश चौधऱी ने कहा कि 1932 खतियान को लेकर लोगों से चर्चा नही की गई. राज्य विधानसभा से इस संबंध में प्रस्ताव पारित करा दिया गया. आरक्षण को लेकर असंवैधानिक रूप से लोगों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है. यहां के लोगों ने उद्योग लगाने के लिए जमीन दी हैं. रोजगार के लिए पलायन हो रहा है. उस क्षेत्र के लोगों की स्थिति खराब होती जा रही हैं. झारखंड बनने से पहले से ही कुर्मी समाज संघर्ष करता आ रहा हैं. ओबीसी का आऱक्षण भी लागू नही किया. कुर्मी समाज को एकजुट होना होगा. एक नया आंदोलन करने की जरूरत है.
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कुरीतियों को दूर करने की जरूरत- ज्योतिर्मय महतो
वहीं सांसद ज्योतिर्मय महतो ने कहा कि समाज को अपने मूल मुद्दों के अलावे शिक्षा और कुरीतियों जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. कुर्मी समाज संवैधानिक तौर पर सही दिशा में आगे बढ़े, तो सफलता जरूर मिलेगी. जबकि सांसद बिद्युत वरण महतो ने कहा कि चाहे कुड़मालि भाषा कोड की बात हो या संवैधानिक हक अधिकार की बात, जब जहाँ जरूरत पड़े हम हमेशा संगठन के साथ हैं.
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परिचर्चा में ये रहे मौजूद
बैठक का संचालन केंद्रीय सचिव बैजनाथ महतो ने किया. बैठक में मुख्य रूप से महिला केंद्रीय अध्यक्ष सोनी महतो, केंद्रीय संगठन सचिव चुरामन महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष निरंजन महतो व चंद्रमोहन महतो, केंद्रीय संयुक्त सचिव रूपलाल महतो, रामगढ़ जिलाध्यक्ष शंकरलाल महतो, बोकारो जिलाध्यक्ष आनंद सागर, सरायकेला-खरसावां जिलाध्यक्ष मनोज महतो, हजारीबाग जिलाध्यक्ष जयप्रकाश पटेल, रामगढ़ महिला जिलाध्यक्ष दुलारी महतो, प्रकाश महतो, राजीव महतो, परमेश्वर महतो, भुवनेश्वर महतो, डॉ. विभीषण महतो, राजकुमार महतो, धिरेंद्रनाथ महतो समेत सैकड़ों सदस्यगण उपस्थित रहे.