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NIA के सामने मुकेश गंझू का बड़ा खुलासा : TPC सुप्रीमो ब्रजेश गंझू से थी BGR के GM रघुराम रेड्डी की सांठगांठ

Ranchi : चतरा पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाला टीपीसी का सेकेंड सुप्रीमो व 15 लाख इनामी मुकेश गंझू से एनआईए ने पूछताछ की थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनआईए के डीएसपी रैंक के एक अधिकारी ने मुकेश गंझू से बीते दिन चतरा में घंटो पूछताछ की थी. मुकेश ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी और टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू के बीच सांठगांठ थी. बृजेश गंझू बीजीआर कंपनी के काम करने में मदद करता था. इसके बदले बृजेश गंझू को मोटी रकम भी दी जाती थी. बताया जा रहा है कि बृजेश गंझू के कहने पर मुकेश गंझू बीजीआर कंपनी के लिए काम मैनेज करने का काम करता था. हालांकि पूछताछ के दौरान मुकेश गंझू इससे इनकार कर दिया है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. इसे भी पढ़ें - Lagatar">https://lagatar.in/lagatar-impact-co-anil-kumar-suspended-in-jumar-river-encroachment-case-ci-and-revenue-staff-will-be-also-punished/19366/">Lagatar

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आम्रपाली और उरीमारी कोल खनन को लेकर की थी सांठगांठ

जानकारी के अनुसार, बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी ने आम्रपाली और उरीमारी कोल खनन परियोजना को धरातल पर उतारने में टीपीसी के साथ साठगांठ की थी. उनपर प्रतिबंधित संगठन को संरक्षण देने का आरोप भी लगा है. करोड़ों की लेवी वसूली में रेड्डी की मिलीभगत का आरोप है. दरअसल पूर्व में रेड्डी के बयान से पूरे राज्य में सनसनी फैल गयी थी. जिसमें उन्होंने कोयले की काली कमाई का हिस्सेदार मंत्री संतरी से लेकर पुलिस और प्रेस को बताया था.साथ ही यह भी कहा था कि ऐसा नक्सली गठजोड़ से हो रहा है. इसके बाद टंडवा थाना में लेवी वसूली के लिए गठित कमेटियों पर भी केस दर्ज हुआ था. इस केस की जांच अब एनआइए कर रही है.

बृजेश गंझू और रघुराम रेड्डी ने ग्राम समिति के साथ की थी बैठक

एनआइए के डीएसपी की ओर से किये गये पूछताछ में मुकेश गंझू ने बताया कि बृजेश गंझू के साथ रघुराम रेड्डी ने ग्राम समिति की बैठक भी की थी. इस बैठक में सीसीएल के अधिकारी भी शामिल थे. टीपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू ने सीसीएल के अफसरों को जमीन दिलाने में मदद की थी. ग्रामीणों पर जमीन देने के लिए दबाव डाला गया था. इस बैठक में तय हुआ कि कोयला उठाने पर प्रत्येक टन 200 रुपये कमेटी के नाम पर उठेंगे. डीओ होल्डर्स को ग्रामीणों को प्रत्येक टन पर 110 रुपये देने पर सहमति बनी थी. इसे भी पढ़ें - पुलिसकर्मियों">https://lagatar.in/police-headquarters-will-request-the-government-to-regularize-the-policemens-week-off/19390/">पुलिसकर्मियों

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दो वर्ष पहले एनआइए ने रघुराम रेड्डी के घर पर मारा था छापा

चतरा की मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में उगाही के मामले में एनआइए ने 10 अक्टूबर 2018 की सुबह छापेमारी की थी. टीम ने कोयला परिवहन में लगी कंपनी के अधिकारियों और व मैनेजरों के घर व दफ्तरों में छापेमारी की थी. रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, दुर्गापुर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. इस दौरान एनआइए की टीम ने हजारीबाग में बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी के किराए के मकान को भी सील किया था. छापेमारी के दौरान टीपीसी और पीएलएफआइ को दिये गये लेवी संबंधी डायरी बरामद की थी. एनआइए ने छापेमारी के दौरान अलग-अलग ठिकानों से कुल 68 लाख रुपये की बरामदगी की थी. बरामद नोट में 10 हजार सिंगापुरी डॉलर, 1300 यूएस डॉलर व 86 हजार के पुराने नोट शामिल थे. छापेमारी के दौरान बैंक खाते, फिक्सड डिपोजिट, कंप्यूटर में लेवी दिए जाने संबंधी खाता बही, हार्ड डिस्क, मोबाइल की बरामदगी भी हुई थी. इसे भी पढ़ें - क्राईम">https://lagatar.in/bokaro-sp-warns-in-crime-meeting-if-evidence-of-theft-of-iron-and-coal-is-found-police-station-incharge-will-be-punished/19353/">क्राईम

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