Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत खजांची तलाव मोहल्ल निवासी व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता की बीती रात रहस्यमय ढंग से पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. व्यवसायी की मौत पर थाना में 4-5 घंटे तक बवाल होता रहा. परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया. जिसपर पुलिस ने कहा कि यह संजोग है कि कस्टडी में व्यवसायी की मौत हो गई. वहीं इस घटना के बाद विधायक अंबा प्रसाद भी देर रात तक थाना में डटी रहीं. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए विधायक अड़ी रहीं. अंबा प्रसाद के सामने ही थाना में कई बार पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच नोंकझोंक भी हुई. जिसपर कई बार विधायक आक्रोशितों को समझाती भी नजर आयीं.
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रास्ते में ही गायब हो गया वॉशिंग पाउडर लेकर निकला ट्रक
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक ट्रक वॉशिंग पाउडर लेकर रांची के लिए रवाना हुई थी. लेकिन रास्ते में ही ट्रक समेत ड्राइवर और खलासी गायब हो गये . इस मामले को लेकर कंपनी तहकीकात कर रही थी. कंपनी को पता चला कि सारा सामान हजारीबाग के बाजार में खपाया गया है. कंपनी के लोगों ने हजारीबाग सदर थाना में आकर इसकी शिकायत दर्ज कराई और मामले की तफ्तीश शुरू हुई. पता चला कि व्यवसायी सुनील गुप्ता ने चोरी के वॉशिंग पाउडर को बाजार में बेचा है. पुलिस व्यवसायी के घर पहुंची और पूछताछ के लिए थाना चलने को कहा. इसी बीच हजारीबाग के गोला चौक में एक दुकान में भी पूछताछ हुई. दुकानदार ने बताया कि हमारे पास जो वॉशिंग पाउडर है, वह सुनील गुप्ता ने ही दिया था. इसी दौरान सुनील गुप्ता पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. पुलिस ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया. लेकिन वह भागने में कामयाब रहा. इसी दौरान पुलिस जब आरोपी को पकड़ने में नाकामयाब हुई, तो उसके बेटे सुमित को थाने में बैठा लिया. इसी दौरान हजारीबाग कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि एक व्यक्ति आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा है. सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसने पाया कि एक घायल व्यक्ति को ऑटो में बैठाया जा रहा है. जब उस व्यक्ति को देखा गया तो वह सुनील गुप्ता निकला. उसे सदर अस्पताल लाया गया और जब स्थिति बिगड़ती दिखी तो हजारीबाग के निजी आरोग्यं अस्पताल बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया. वहीं उसकी मौत हो गई. मौत के बाद हंगामा होने लगा.
परिजनों ने लगाया टॉर्चर करने का आरोप
परिजनों का कहना है कि जब पुलिस ने मृतक सुनील गुप्ता को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई, तो यह उसकी जिम्मेवारी थी कि वह सही सलामत उसे थाना तक ले जाती. लेकिन ऐसा ना कर उसे रास्ते में ही टॉर्चर किया गया. थाना में लाकर पिटाई की गई .बाद में इस मामले की लीपापोती करने के लिए पूरा स्क्रिप्ट तैयार कर लिया गया. प्रशासन से मांग किया कि जिस कंपनी के द्वारा शिकायत किया गया है, उसकी एफआईआर दिखाया जाए. ऐसे में 2 घंटे के बाद एफआईआर दिखाया गया. जिसपर परिजनों ने सवाल उठाया कि आखिर एफआईआर देर से क्यों दिखाया गया. घटना के बाद व्यवसायी वर्ग में भी आक्रोश है. देर रात तक कई व्यवसायी थाना में डटे रहे.
मृतक की पत्नी ने पुलिस पर ही सवालिया निशान खड़ा किया और कहा कि बिना किसी वजह के मेरे पति की हत्या पुलिस ने कर दी. जब पुलिस मेरे सामने पति को थाना ले जाने के लिए आयी, उस वक्त वे स्वस्थ थे. लेकिन उसके आधा से एक घंटा के अंदर ही उनकी मौत कैसे हो गयी.
देर रात विधायक भी पहुंची थाना
घटना के बाद देर रात लगभग 11:00 विधायक अंबा प्रसाद भी सदर थाना पहुंची. विधायक ने संदेहास्पद स्थिति में पुलिस कस्टडी में व्यवसायी की मौत पर सवाल खड़े किए. विधायक ने कहा कि पुलिस किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए जाती है, तो ठीक से रखना उसकी जिम्मेवारी होती है. लेकिन कंप्लेन की जांच कर रही पुलिस के सामने से ही एक व्यक्ति फरार हो जाता है और फिर उसकी मौत हो जाती है. उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही विधायक ने इस घटना में पुलिस की संलिप्त की भी जांच की मांग की है.
देर रात तक घटना के बाद सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति, डीएसपी सीसीआर आरिफ इकराम सदर इंस्पेक्टर गणेश कुमार ,लोहसिंघना, कोर्रा, बड़ाबाजार के थाना प्रभारी भी परिजनों और आक्रोशितों को समझाते रहे. सदर इंस्पेक्टर गणेश कुमार ने जानकारी दिया कि यह एक संजोग है कि वह हमारे कस्टडी में सुनील गुप्ता की मौत हो गई. हम लोग पूरे मामले की तफ्तीश कर रहे थे और तफ्तीश करने के दौरान वह फरार हो गया. फरार होने के बाद हमें सूचना मिली कि कोई व्यक्ति घायल है. जब घायल से हमने पूछताछ किया, तब उसने कहा कि वह नील गुप्ता ही है. इलाज के लिए हमने उस अस्पताल लाया. वहां उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई. ऐसे में आरोग्यं अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी.
वहीं हजारीबाग डीएसपी सीसीआर आरिफ इकराम ने आश्वस्त किया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. जो भी पुलिसकर्मी दोषी होंगे, उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना से हम लोग भी काफी चिंतित हैं कि आखिर कैसे एक व्यक्ति की मौत गिरफ्तारी से पहले ही पूछताछ के लिए लाने से पहले हो गई. वहीं दूसरी ओर हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे भी टेलीफोन लाइन से मामले की जानकारी लेते नजर आए. उन्होंने भी स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
सीडीएस शुभम अपार्टमेंट में रहता था व्यवसायी
सुनील गुप्ता हजारीबाग के खजांची तालाब परिसर सीडीएस शुभम अपार्टमेंट में कमरे नंबर 202 में रहता था. कुछ दिन पहले ही मृतक सुनील ने फ्लैट की खरीदारी की थी. बता दें कि ये वही बहुचर्चित सीडीएस शुभम अपार्टमेंट है, जहां महेश्वरी परिवार के सभी 6 लोगों की संदेहास्पद स्थिति में शव बरामद किया गया था. इस मामले को लेकर पिछले 3 सालों से जांच चल रही है. सीआईडी इस पूरे मामले की वर्तमान समय में जांच कर रही है. मामला अब तक अनसुलझा है. ऐसे में फिर से एक बार बहुचर्चित सीडीएस शुभम अपार्टमेंट सुर्खियों में है.
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