- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को लिया गंभीरता से
- एसएसपी, रांची से सात दिनों के अंदर मांगी पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट
Ranchi: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रांची में स्थित एक आरपीएफ अफसर के घर से मुक्त करायी गई नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता मामले को संज्ञान लिया है. इस मामले में आयोग ने रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजकर इस पूरे मामले की सात दिनों के अंदर पूरी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. आयोग ने समाचार माध्यमों से मिली जानकारी के आधार पर इसे सीपीआरसी अधिनियम की धारा 13(1) (जे) के तहत संज्ञान में लिया है.
आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने वरीय पुलिस अधीक्षक से इस मामले पर बिंदुवार रिपोर्ट मांगी है. साथ ही आयोग ने यह भी पूछा है कि क्या दुष्कर्म पीड़िता आरपीएफ अधिकारी के घर में घरेलू काम भी करती थी. निर्देश में उन्होंने यह भी पूछा है कि, क्या पीड़िता से बाल मजदूरी करायी जा रही थी. अगर करायी जा रही थी तो बाल श्रम (निषेद व नियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत की गई कार्रवाई के सभी विवरण भी आयोग को उपलब्ध कराया जाये.
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आयोग ने रांची पुलिस को निर्देश दिया है कि लड़की की पहचान की गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए इस प्रकरण की त्वरित कार्रवाई करते हुए तथ्यपरक जांच रिपोर्ट और अन्य सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करायी जाये.
एनसीपीसीआर ने निम्नलिखित जानकारी मांगी
- पीड़िता की आयु की प्रमाणिक जानकारी
- प्रकरण में दर्ज पोस्को एक्ट 2012 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट और सत्यापित प्रतिलिपि
- अब तक की गई कार्रवाई का विवरण
- मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता की काउंसिलिंग
- सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान
- बाल कल्याण समिति के आदेश की प्रतिलिपि
- न्यायालय में प्रस्तुत आरोप पत्र
- पीड़िता व परिजनों की सुरक्षा के प्रबंध का विवरण
- पीड़िता के पुनर्वास और मुआवजा के लिए उठाए गए कदम
- पीड़िता की वर्तमान स्थिति
- प्रकरण से संबंधित अन्य जानकारी
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रेलवे डीआईजी भी जांच के लिए पहुंचे
रेलवे गेस्ट हाउस में नाबालिग पीड़िता के साथ गलत हुआ है या नहीं इसकी जांच के लिए आरपीएफ के डीआईजी रांची पहुंच चुके हैं. डीआईजी डीके मौर्या इस पूरे मामले की जांच करेंगे. मौर्या चक्रधरपुर डिविजन में सीनियर कमांडेंट के पद पर भी कार्य कर चुके हैं. फ़िलहाल वे हेड क्वार्टर हाजीपुर में पोस्टेड हैं. रेलवे के अनुसार पीड़िता दुष्कर्म मामले के आरोपी अफसर को इस पूरे प्रकरण की जांच होने तक निलंबित कर दिया गया है.