संख्या के हिसाब से गोड्डा सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट की मजबूत दावेदारी मानी जाती है
Godda : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए झारखंड के सभी चौदह सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है. इस बार चुनावी मैदान में उतरनेवाले घोषित प्रत्याशियों की सूची से यह स्पष्ट होता है कि किसी भी दल ने मुस्लिम उम्मीदवार पर अपना भरोसा नहीं जताया है. चाहे वह एनडीए हो या इंडिया. झारखंड की कुल आबादी में मुस्लिमों की आबादी करीब पंद्रह प्रतिशत है. बावजूद इसके इंडिया गठबंधन जिसमें कांग्रेस, झामुमो, राजद शामिल है, उसने मुस्लिम उम्मीदवार पर इस बार के आम चुनाव में भरोसा नहीं जताया है. आमतौर पर कांग्रेस मुस्लिम प्रत्याशी को गोड्डा लोकसभा की सीट पर चुनाव लड़ाने का काम करती रही है और इस सीट पर पूर्व से मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीतते भी रहे हैं. गोड्डा लोकसभा सीट पर चार बार मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीतकर संसद तक पहुंचे हैं. मौलाना समीनुद्दीन अंसारी दो बार, प्रो. सलाउद्दीन अंसारी एक बार और एक बार फुरकान अंसारी गोड्डा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार के चुनाव में इस बात की बहुत संभावना थी कि फुरकान अंसारी को कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित करेगी, मगर ऐन मौके पर दीपिका पांडे सिंह का नाम आया और बाद में वह नाम भी काटकर प्रदीप यादव के नाम की घोषणा कर दी गई. हालांकि फुरकान अंसारी के समर्थकों को अभी भी उम्मीद है कि गोड्डा लोकसभा सीट जहां मुस्लिमों की आबादी करीब अठारह प्रतिशत है. यहां से मुस्लिम प्रत्याशी के रूप में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता फुरकान अंसारी को किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा.
फुरकान अंसारी 2004 में गोड्डा से सांसद बने थे
चुनावी आंकड़ा देखने से स्पष्ट होता है कि फुरकान अंसारी को 2004 में गोड्डा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनने का मौका मिला था. बाद के चुनावों 2009 और 2014 के चुनाव में फुरकान अंसारी दूसरे स्थान पर रहे थे. जबकि 2019 के चुनाव में झाविमो और कांग्रेस गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में प्रदीप यादव इस सीट पर चुनाव लड़े थे और भाजपा के निशिकांत दुबे से पराजित हुए थे. करीब तीन लाख मुस्लिम वोटरों की संख्या के अनुरूप गोड्डा सीट पर इनकी भागीदारी तय मानी जा रही थी. किसी भी प्रत्याशी को एकमुश्त बड़ी संख्या में वोट मिलने की उम्मीद से जीत की राह थोड़ी आसान बन जाती है.
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