Dhanbad : गोविंदपुर सीएचसी में प्रसव के बाद नवजात की मौत के मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने 2 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में नर्स गीता कुमारी और अटेंडेंट की लापरवाही की बात सामने आयी है. उन दोनों के खिलाफ पीड़िता ने भी बयान दिया है. इसी आधार पर दोनों पर कार्रवाई हो सकती है. सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने बताया कि लापरवाही की बात सामने आयी है. रिपोर्ट को देखा जा रहा है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी .बता दें कि 29 नवंबर को टेसरटांड़ गांव निवासी 22 साल की गर्भवती मीना देवी को प्रसव पीड़ा के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. परंतु गर्भवती महिला को प्रसव गृह में नहीं ले जाया गया. महिला ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद आनन-फानन में जच्चा-बच्चा को अंदर ले जाया गया. परंतु इस लापरवाही के कारण नवजात की मौत हो गई. परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया तो जांच के लिए टीम गठित की गयी थी. जांच में यह बात सामने आयी है कि नर्स व अटेंडेंट की उपेक्षा के कारण गर्भवती को प्रसव के लिए लेबर रूम में नहीं ले जाया गया. पीड़िता से कहा कि कि टुंडी से यहां किस लिये आयी,बाहर रहो. कुछ देर के बाद उसका प्रसव हो गया, मगर बच्चा नहीं रहा.
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