Ranchi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में खुलासा हुआ है कि पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा भाकपा माओवादी विचारधारा के प्रचार और प्रसार में शामिल था. इसके लिए वह अपने क्षेत्र में कैडरों को प्रेरित और भर्ती भी कर रहा था. इस काम के लिए प्रमोद मिश्रा धन भी जुटा रहा था और पुराने नक्सली कैडरों की बैठकें आयोजित कर रहा था. प्रमोद मिश्रा का सहयोगी सब जोनल कमिटी का सदस्य अनिल यादव ईंट भट्ठा मालिकों और ठेकेदारों से लेवी के माध्यम से धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था. वह सक्रिय रूप से संगठन की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे थे और शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के इरादे से गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे. इस मामले में एनआईए ने प्रमोद मिश्रा समेत दो और नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है.
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झारखंड-बिहार बॉर्डर पर माओवादियों को कर रहा था मजबूत
प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिला के रफीगंज थाना क्षेत्र के कासमा गांव का रहने वाला है. वह लंबे समय तक सारंडा में कार्यरत रहा है. गिरफ्तारी से पहले वह झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में माओवादियों को मजबूत करने में जुटा था. प्रमोद मिश्रा को नक्सली संगठन में वर्ष 2004 में केंद्रीय समिति सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. वर्ष 2007 में पोलित ब्यूरो सदस्य बनाया गया था. वह 11 मई, 2008 को धनबाद जिला के विनोद नगर से गिरफ्तार हुआ था. उसे न्यायालय ने सबूत के अभाव में वर्ष 2017 में रिहा कर दिया था. इसके बाद से ही वह क्षेत्र में फिर सक्रिय हो गया था. उसे पुलिस पर हमला व कई नरसंहार का मास्टरमाइंड माना जाता है.
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