Ranchi : एनआईए जांच में खुलासा हुआ है, कि टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू झारखंड में पकड़ और हिंसा फैलाने के लिए विदेशी हथियार और गोला बारूद खरीद रहा था. नागालैंड आर्म्स डील केस में मामले एनआईए ने केस संख्या आरसी-05/2019 दर्ज किया था. इस मामले में एनआईए ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में चतरा जिले का रहने वाला भीखन भी शामिल है. एनआईए ने इस मामले को लेकर आरोपी भीखन गंजू पर चार्जशीट दाखिल किया है.
कोयला ट्रांसपोर्टरों और ठेकेदारों से लेवी वसूलने के लिए खरीद रहा था हथियार
एनआईए की जांच से पता चला है कि भीखन गंझू टीपीसी का जोनल कमांडर है. वह कोयला ट्रांसपोर्टरों और ठेकेदारों को धमकी देकर लेवी वसूलने का काम करता है. जांच से पता चला कि भीखन गंझू झारखंड में टीपीसी की पकड़ मजबूत करने, आतंक और हिंसा फैलाने के लिए हथियार और गोला-बारूद खरीद रहा था. भीखन गंझू ने हथियारों की खरीद के लिए आरा के शाहपुर के रहने वाले संतोष कुमार से मध्यस्थता की थी. हथियारों की डील के बाद पटना के चंद्रविजय प्रताप उर्फ सुशील को पैसों का भुगतान किया गया था. एनआईए की पूर्व की चार्जशीट में जिक्र है कि हथियारों का जखीरा बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते बिहार और झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों तक पहुंचाया गया था. नागालैंड के एन सांगथम को एनआईए हथियार तस्करी गिरोह का मास्टरमाइंड मानती है. रांची के दो बैंकों में खाता खोलकर भी हवाला के जरिए पैसों का भुगतान किया जाता था.
कैसे सामने आया था मामला
7 फरवरी 2019 को बिहार के पूर्णिया में पुलिस ने एसयूवी गाड़ी जब्त की थी. मौके से पुलिस ने सूरज प्रसाद, वीरेंगनॉव कहोरनगम, क्लेरशन काबो को गिरफ्तार किया था. जांच में पुलिस को दो ग्रेनेड लॉचर, एक एके 47 रायफल, 5.56 एमएम की 1800 राउंड गोली मिली थी. गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर रांची के अरगोड़ा, लातेहार के नेतरहाट से अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में हथियार तस्करों के टीपीसी लिंक का खुलासा हुआ था.
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