Ranchi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले दो दिनों में पीएलएफआई टेरर फंडिंग मामले में झारखंड पुलिस के सहयोग से चलाए गए ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और कारतूस बरामद की है. यह बरामदगी पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की निशानदेही पर एनआईए की टीम ने कार्रवाई करते हुए खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले से की है.
एक सप्ताह इतने मिले गोली- बारूद
एनआईए और झारखंड पुलिस ने 29 मई को खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र के झरियाटोली और गरई से लगभग 62.3 किलोग्राम जिलेटिन और 5.56 मिमी की 732 राउंड गोलियां बरामद की. उसी दिन गुमला जिले के कामडारा क्षेत्र के किसनी गांव से एक पिस्टल, 5.56 मिमी की 11 राउंड और .303 की 30 राउंड कारतूस जब्त किए गए. 30 मई को सिमडेगा जिले के थाना महाबुआंग के महुआटोली के जंगल में पहाड़ी से दो आईईडी भी बरामद किये गये. इससे पहले 26 मई को 1500 राउंड जिंदा गोलियां बरामद की गयी थी.
21 मई को गिरफ्तार हुआ था दिनेश गोप
एनआईए ने दिनेश गोप को 21 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ 102 आपराधिक मामले हैं और उस पर 30 लाख रुपये का इनाम था. वह वर्तमान में एनआईए की हिरासत में है. जांच के दौरान एनआईए की टीम दिनेश गोप को गोला-बारूद छुपाने के स्थान पर ले गयी. उसकी निशानदेही पर गोला-बारूद बरामद किये गये. खूंटी जिले के दिनेश गोप को कुलदीप यादव और बड़कू के नाम भी से जाना जाता है. इससे पहले एनआईए द्वारा पीएलएफआई के लोगों से 25.38 लाख रुपये के विमुद्रीकृत मुद्रा की वसूली से संबंधित मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था.
संगठन बेरोजगार युवकों को लालच देकर जोड़ता था
एनआईए की जांच के अनुसार, पीएलएफआई पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के रूप में जाना जाता था. पीएलएफआई झारखंड में हत्या समेत सैकड़ों आपराधिक घटनाएं कर चुका है. पीएलएफआइ संगठन बेरोजगार युवकों को बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराने का लालच देता था. जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत रहा है.
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