Patna : महागठबंधन की सरकार राज्य में कानून व्यवस्था पर किसी प्रकार से समझौता करने के मूड में नहीं है. बीजेपी लगातार सरकार पर अपराध को लेकर हमला बोल रही है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार एक्शन में दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए. खासकर ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे अपराध पर सरकार ने अहम फैसला लिया है. सरकार बिहार के 11 जिलों में ग्रामीण एसपी की तैनात करेगी. फिलहाल केवल पटना जिले में ही ग्रामीण एसपी का पद है. इसके साथ ही सरकार की ओर से अपर पुलिस अधीक्षक के 8 पद भी सृजित किये गये हैं.
दरभंगा, भागलपुर, बेगूसराय, मुंगेर में भी ग्रामीण एसपी होंगे
नयी सरकार पुलिसिंग को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाने का फैसला किया है. बिहार पुलिस सेवा में स्टाफ अफसर के 15 अपर पुलिस अधीक्षक के 12 वरीय पुलिस उपाधीक्षक के 114 और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 40 पदों के साथ-साथ कुल 181 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी गयी है. अब पटना जिले के अलावे गया, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सारण, रोहतास, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, बेगूसराय और मुंगेर में ग्रामीण एसपी का पद होगा. यहां तैनात तो होने वाले अधिकारी बिहार प्रशासनिक सेवा के स्टाफ अफसर रैंक के अधिकारी होंगे.
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जामलपुर में एएसपी का पद होगा
पुलिस अधीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) बिहार, पटना, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (आधुनिकीकरण) बिहार, प्रशिक्षण केन्द्र डुमरांव और प्रशिक्षण केन्द्र सिमुलतला में प्राचार्य के पद बिहार प्रशासनिक सेवा के स्टाफ अफसर रैंक के अधिकारी के होंगे. स्टाफ अफसर के अलावे बिहार प्रशासिनक सेवा के अपर पुलिस अधीक्षक के नए पद भी सृजित हुए हैं. नए पदों में अरवल, बगहा, नवगछिया, सीआईडी में 3 व कमजोर वर्ग के अधीन 3, रेल पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार व जामलपुर में भी एएसपी का पद होगा.
181 नए पदों का सृजित हुए
सीआईडी, मद्यनिषेध, ईओयू, विशेष शाखा, एसएसजी, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, एसटीएफ, एटीएस, गृह विभाग, डीजीपी कार्यालय, पुलिस अकादमी के अलावा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में कुल 114 वरीय पुलिस उपाधीक्षक के पद सृजित हुए हैं. नए पद सृजन के बाद बिहार पुलिस सेवा में 1026 पद हो गए हैं. पहले इसकी संख्या 845 थी. 181 नए पदों का सृजित हुए हैं. 740 डीएसपी, 188 वरीय डीएसपी, 74 अपर पुलिस अधीक्षक और 24 स्टाफ अफसर के हैं.
नीतीश कुमार अपराध को लेकर सख्त
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए. बैठक में डीजीपी एसके सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है. अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके.
जमीन से संबंधित आपसी विवाद जल्द खत्म करें
वहीं, बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार डीएम, एसपी 15 दिनों में एक बार 15 दिन में एक बार एसडीओ और संबंधित अधिकारी सप्ताह में एक दिन जरूर बैठक समस्या का निष्पादन करें. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं.
थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे
साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें. गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं. सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें. घटना की पूरी जानकारी, उस पर की जा रही कार्रवाई, घटना के विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दें, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें. अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं. गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें. इसकी निरंतर निगरानी भी करते रहें.
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