Jamshedpur (Anand Mishra) : डॉ अरविंद सिन्हा सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर में मुख्य वैज्ञानिक तथा सलाहकार प्रबंधन के रूप में कार्य करते हुए मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए. 30 वर्षों के लंबे कालखंड तक उन्होंने राष्ट्र के विकास में अपनी वैज्ञानिक सेवाएं देश को प्रदान की है. वे वैज्ञानिक तथा नवोन्मेषी अनुसंधान अकादमी, भारत सरकार में प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत हैं. इनकी प्रारंभिक शिक्षा मेरठ उत्तर प्रदेश, आईआईटी रुड़की से एम.फिल एवं आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पीएचडी छात्र के रूप में हुई है.
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डॉ अरविंद सिन्हा ने भारतवर्ष में पहली बार बायोमिमेट्रिक नैनो मैटेरियल्स पर गहन शोध कार्य किया है. इस क्षेत्र के वे ख्याति प्राप्त और अति प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं. उन्होंने विश्व के कई विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में अपने व्याख्यान दिए हैं. उन्हें कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. वर्ष 1999 में उन्हें सीएसआईआर का युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया. वर्ष 2005 में अल्टेकर पुरस्कार तथा वर्ष 2006 में रमन फैलोशिप प्रदान की गई. इनके पुरस्कारों की सूची काफी लंबी है. इन्हें कई वैज्ञानिक संस्थानों का फेलो भी मनोनीत किया गया है. इनके नाम अनेकों वैज्ञानिक प्रकाशन तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पेटेंट शामिल हैं. इनकी चार प्रौद्योगिकी देश को समर्पित की जा चुकी है तथा तीन का वाणिज्यिक उत्पादन हो रहा है.
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डॉ अरविंद सिन्हा द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (नासी), झारखंड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए झारखंड और बिहार के विश्वविद्यालयों एवं स्कूल के छात्रों में वैज्ञानिक रुचि पैदा करने में काफी सफलता प्राप्त कर चुके हैं. इस बैनर के तले अनेकों कार्यक्रमों का संचालन किया जा चुका है. डॉ सिन्हा ने कई पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन भी किया है. विज्ञान के क्षेत्र में इनके अपरिसीम योगदान को देश हमेशा याद रखेगा और आने वाली कई पीढ़ियां इन के पद चिन्हों पर चलते हुए राष्ट्र के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा पाती रहेंगी. उन्होंने इसरो के प्रथम पुनर्प्राप्त अंतरिक्ष कैप्सूल में सफलतापूर्वक नैनो मैटेरियल्स का निर्माण करके देश में जमशेदपुर स्थित इस प्रयोगशाला का नाम बुलंदियों के शिखर पर पहुंचाया है. वाह अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने श्रद्धेय गुरुदेव स्वर्गीय पी रामचंद्र राव तथा अपनी प्रयोगशाला के सभी टीम सदस्यों को देते हैं.