Hazaribagh: झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ हजारीबाग के अध्यक्ष मो. अतिकुज्जमा ने डीसी को पत्र लिखा है. संघ अध्यक्ष ने जिला स्थापना समिति के अध्यक्ष डीसी को पत्र लिख कर प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है. इसमें कहा गया है कि झारखंड हाईकोर्ट और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के आदेश पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. शिक्षा सचिव ने राज्य के सभी जिलों के डीसी को पत्र लिख कर आदेश दिया है कि अहर्ता रखनेवाले सभी शिक्षकों को ग्रेड-4 में प्रोन्नति दें.
संघ अध्यक्ष ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए जिला शिक्षा स्थापना समिति सक्षम प्राधिकार है. प्रति वर्ष प्राथमिक शिक्षकों की वरीयता सूची का प्रकाशन करते हुए अहर्ता पूरी करने वाले शिक्षकों को पद उपलब्ध रहने की तिथि से सभी प्रकार की प्रोन्नति नियमित रूप से दी जानी चाहिए. झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि आदेश पारित होने के आठ सप्ताह के अंदर अहर्ता वाले शिक्षकों को ग्रेड-7 में प्रोन्नति दी जाए. वर्षों से ग्रेड-4 के पद रिक्त रहे हैं. न्यायालय के आदेश के कारण ही 2017 में शिक्षकों को ग्रेड-4 मिल पाया. अगर पद उपलब्धता की तिथि से ग्रेड-4 नहीं दिए जाते हैं, तो प्रोन्नत शिक्षकों की वरीयता प्रभावित हो सकती है.
इसे भी पढ़ें– अर्जेंटीना की जीत पर ब्राजील के फुटबॉलर पेले का इमोशनल नोट, लिखा-निश्चित तौर पर डिएगो मुस्कुरा रहे होंगे
संघ अध्यक्ष मो. अतिकुज्जमा ने कहा कि ऐसा होता है, तो ग्रेड-4 में प्रोन्नत अधिकांश शिक्षक अपनी सेवा काल में कभी भी ग्रेड-7 के पद पर प्रोन्नत नहीं हो पाएंगे. यह प्राकृतिक न्याय का हनन है. उन्होंने सचिव के आदेश के आलोक में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से यह मांग की है कि पद उपलब्ध रहने की तिथि से अहर्ताधारी शिक्षकों को ग्रेड-4 में प्रोन्नति दी जानी चाहिए. फिर पूर्व में स्वीकृत प्रधानाध्यापक के 124 रिक्त पदों पर ग्रेड-4 में प्रोन्नत शिक्षकों को वरीयता के आधार पर प्रोन्नति दी जानी चाहिए, ताकि उनकी वरीयता अक्षुण्ण रहे. अतिकुज्जमा ने कहा है कि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा.
इसे भी पढ़ें– तुष्टिकरण के लिए असंवैधानिक फैसले लेने वाली हेमंत सरकार हो चुकी है एक्सपोज : दीपक प्रकाश