Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) देश की कोयला राजधानी धनबाद की खदानें विश्व स्तर पर भले ही विख्यात हो, यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज संभव नहीं. कैंसर के मरीजों के लिए न कोई अस्पताल है और न ही बेहतर इलाज की व्यवस्था है. सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल में कैंसर के मरीज आते हैं तो उन्हें रिम्स या दूसरी जगह रेफर कर दिया जाता है. बेहतर इलाज के लिए मरीजों को कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जाना पड़ रहा है.
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से भी निराशा
एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य डॉक्टर ज्योति रंजन ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी कैंसर रोगियों के इलाज के लिए फिलहाल कोई विभाग नहीं होगा. एसएनएमएमसीएच में भी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार बर्णवाल ने भी कहा कि शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर के लिए कोई अलग विभाग नहीं है. हालांकि कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल के ओपीडी में सेवा दे रहे हैं. वह सप्ताह में दो दिन ओपीडी में बैठते हैं.
प्रदूषण के कारण बढ़ रही कैंसर के मरीजों की संख्या
सिविल सर्जन डॉ. श्याम किशोर कांत ने कहा कि जिले में कैंसर मरीजों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. डॉ. एस के सेन कहते हैं कि प्रदूषण के कारण भी कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. प्रदूषण से फेफड़े के कैंसर मरीज ज्यादा मिल रहे हैं. कोलियरियों में ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा होती है. गुटखा व तंबाकू के सेवन से मुंह का कैंसर तेजी से फैल रहा है. ऐसे मरीजों में 25 से 45 वर्ष के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. प्रारंभिक अवस्था में पहचान होने से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के प्रति महिलाओं में जागरुकता नहीं
स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके दास कहते हैं कि ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर के प्रति महिलाओं में जागरुकता की कमी है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में प्रसार-प्रचार तेज करने की जरूरत है. किसी भी तरीके से असामान्य डिस्चार्ज होने पर, पेट के नीचे दर्द होने पर चिकित्सक से जरूर दिखाना चाहिए. जागरूक नहीं होने के कारण बीमारी एडवांस स्टेज में चली जाती है. इसकी पैप स्मीयर से जांच की जाती है. बायोप्सी जांच के लिए दी जाती है. तब कैंसर कन्फर्म किये जाते हैं.
प्रारंभिक अवस्था में हो जांच तो बेहतर
धनबाद में कैंसर की पहचान कर रहे चिकित्सकों की मानें तो माउथ कैंसर, ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज हैं. प्रारंभिक अवस्था में जांच होने के बाद ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. इसकी जांच भी काफी सस्ती होती है.
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