- जल प्रबंधन में आया क्रांतिकारी बदलाव
Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड में 15 गांव ऐसे हैं, जहां टाटा स्टील फाउंडेशन वाटरशेड प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. उन्हीं गांवों में से एक है ग्राम करंजिया है. इस गांव के निवासी राजकुमार गोप की वहां जमीन है. लेकिन उनकी जमीन को एक नाला काट रहा है. यह नाला बरसात के मौसम में पानी से भर जाता है. लेकिन बरसात के तुरंत बाद सूख जाता है. इसलिए टीएसएफ ने बांस और पत्थर से बना एक छोटा चेक डैम बनाने का फैसला किया है ताकि वह मानसून के अंत से लेकर गर्मी के मौसम के दौरान बारिश के पानी को संग्रहित कर सके. इससे मिलने वाले सभी लाभों को समझने के बाद वह अपने भूखंड पर बांस का चेक डैम बनाने के लिए सहमत हो गये. इस बांध का कुल जलग्रहण क्षेत्र लगभग 11 हेक्टेयर है. बांध की लंबाई 11.5 मीटर और ऊंचाई 3 मीटर और चौड़ाई 1.8 मीटर है.
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इस बांध का लाभ है – वर्षा जल का भंडारण करना, मृदा अपरदन में कमी, मिट्टी की नमी की मात्रा में वृद्धि, भूजल पुनर्भरण. इस नाले से जो पानी बहेगा वह अब गर्मी के मौसम तक उपलब्ध रहेगा और इस प्रकार किसान और अन्य किसानों जिनकी जमीन इसके किनारे है, उन्हें भी इससे लाभ होगा. जहां वे खेती के लिए केवल बारिश के पानी पर निर्भर रहते थे या सिंचाई के पानी के लिए लंबी दूरी तय करते थे, अब उन्हें आसपास के क्षेत्र में गर्मी की खेती के लिए भी पर्याप्त पानी मिलने वाला है.
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