Jamtara: सीपीआईएम राज्य कमेटी के प्रभारी व पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड वृंदा करात अपने चार दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंची हैं. इस दौरान मंगलवार को जामताड़ा क्लब में सीपीआईएम जिला कमेटी की बैठक में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि, भाजपा को रोकने के लिए बंगाल चुनाव में गैर भाजपा दलों को एकजुट होना पड़ेगा. भाजपा के भ्रम में बंगाल की जनता फंसने वाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि, भाजपा बंगाल की संस्कृति पर प्रहार कर रही है. परंतु वहां की जनता यह भलीभांति समझ रही है कि, प्रधानमंत्री ने बंगाल चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से कविगुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर की तरह दाढ़ी बढ़ा रखी है. लेकिन रवीन्द्रनाथ टैगोर के जीवन-दर्शन की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं.
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‘सरकार से असहमत होना अपराध’
वृंदा करात ने कहा कि, केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुटता प्रकट करना अपराध जैसा हो गया है. साथ ही कहा कि सरकार अंबानी-अडाणी की मददगार है. और केन्द्र सरकार के खिलाफ बोलने वालों को राजद्रोह का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया जा रहा है. साथ ही आरोप लगाया गया है कि, 13 लाख करोड़ रूपए का धन अडाणी-अंबानी समेत अन्य कॉरपोरेट जगत के खजाने में बढ़े हैं.
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‘मेहनतकशों पर जबरदस्त मार’
वृंदा करात ने कहा कि, कोरोना महामारी के बाद केन्द्र सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. सरकार की बनायी महामारी के चलते लोग परेशान हैं. मेहनतकशों के पर जबरदस्त मार पड़ी है. कठिन परिस्थिति में लोग जी रहे हैं. जीविका के सारे रास्ते बंद हैं. झारखंड के नौजवान रोजगार के लिए दिल्ली जैसे शहरों के लिए पलायन कर रहे हैं. जबकि वहां भी रोजगार उपलब्ध नहीं है.
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आसमान छू रही है महंगाई
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रूपए की वृद्धि की गई है. पेट्रोल व डीजल के दाम में बेतहाशा इजाफा हुआ है. हर आवश्यक वस्तुओं की महंगाई आसमान छू रही है. लेकिन महंगाई के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
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गोदामों में सड़ रहे अनाज’
सीपीआईएम राज्य कमेटी के प्रभारी व पोलिट ब्यूरो सदस्य ने आरोप लगाया कि, देशभर के सरकारी गोदामों में 8 करोड़ टन अनाज सड़ रहे हैं. लेकिन मुफ्त में खाद्यान्न देने की योजना बंद है. फिलहाल कम ही लोगों को खाद्यान्न मिल रहा है.
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‘केंद्र की ‘धोखाजीवी’ सरकार’
वृंदा करात ने कहा कि कृषि, मनरेगा, शिक्षा व खाद्य सुरक्षा के बजट में कटौती हुई है. जहां मनरेगा के बजट में 35 प्रतिशत की कटौती हुई है. वहीं खाद्य सुरक्षा के बजट में 42 प्रतिशत की कटौती की गयी है. वृंदा ने कहा कि 34 लाख करोड़ रूपए ज्यादा खर्च किया है. लेकिन उसमें हकीकत यह है कि एफसीआई का सालों से जो बकाया चल रहा है, उसे ही कागज पर दिखाया गया है. साथ ही कहा कि आंगनबाड़ी, पेंशन व सहिया के आमदनी में एक रूपए का भी इजाफा नहीं किया गया है. इस कारण यह ‘धोखाजीवी’ बजट और ‘धोखाजीवी’ सरकार है.
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