New Delhi : रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति से जुड़े तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी है. संशोधन के बाद सरकार सीडीएस की नियुक्ति के लिए उन अधिकारियों के नाम पर विचार कर सकती है, जो लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष या सामान्य समकक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं. इसके अलावा उन अफसरों के नामों पर भी विचार किया जा सकता है जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख तक 62 साल से कम उम्र के हैं.
CDS नियुक्ति के कैसे नियम बदले
केंद्र सरकार ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सर्विस एक्ट में बदलाव किया है और इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार अब लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर्ड ऑफिसर को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बना सकती है. हालांकि सीडीएस की नियुक्ति को लेकर 62 साल की उम्र होने से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के रिटायर्ड चीफ सीडीएस बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं. आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल, एयरफोर्स में एयर मार्शल और नेवी में वाइस एडमिरल 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं. ये अफसर सीडीएस बनने की दौड़ में शामिल रहेंगे.
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काफी समय से खाली है पद
पिछले साल दिसंबर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई थी, उनकी मौत के बाद से सीडीएस का पद खाली है. 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने सीडीएस की नियुक्ति की थी. सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर की गई थी. सीडीएस एकीकृत रक्षा स्टाफ का प्रमुख भी है.
सरकार ने अलग-अलग अधिसूचना जारी की
सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत सोमवार को अलग-अलग अधिसूचना जारी की.
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ऐसे लोग बन सकते हैं प्रमुख रक्षा अध्यक्ष
वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार, यदि आवश्यक हो, जनहित में, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के रूप में सेवा कर रहे हैं या एक अधिकारी, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए है.’
सेवा की अवधि बढ़ाने पर भी जारी हुई अधिसूचना
अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की सेवा को इतनी अवधि के लिए बढ़ा सकती है, जितनी वह आवश्यक समझे, अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक. सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की गयीं. तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल की सेवा या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तब तक होता है.
जनरल बिपिन रावत थे देश के पहले सीडीएस
वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किये जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गयी है. गौरतलब है कि जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को देश के समग्र सैन्य कौशल को बढ़ाने के लिए देश के पहले सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाला था.
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