Ranchi : विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 5 मार्च को “आदिवासी बचाओ महारैली” आयोजित करने का ऐलान किया है. पहले इस रैली का आयोजन 26 फरवरी को होना था. हालांकि 26 फरवरी को अन्य संगठनों द्वारा सरना धर्म को लेकर मोरहाबादी मैदान में रैली की घोषणा की गई है. जिसके कारण “आदिवासी बचाओ महारैली” की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है. यह महारैली राज्य सरकार द्वारा जल्द से जल्द नई नियोजन नीति बनने और कुड़मी द्वारा एसटी सूची में शामिल करने के मांग के विरोध में होंगी. यह जानकारी शुक्रवार को आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व मंत्री देव कुमार धान, लक्ष्मीनारायण मुंडा आदि ने दी.
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कुड़मी/कुरमी/महतो जाति की मांग पूर्ण अनुचित
उन्होंने कहा कि कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के द्वारा शिड्यूल ट्राइब आदिवासी बनने की मांग मूल निवासियों की राजनीतिक हिस्सेदारी-प्रतिनिधित्व को खत्म करने के लिए कर रहे है. अपने छद्म एवं फर्जी शहीदों के नाम पर आदिवासियों के संघर्षशील नायकों के इतिहास में घुसा कर नौकरी, जमीन,पहचान आदि को हड़पने के लिए किया जा रहा है. आदिवासी समन्वय समिति का मानना है कि कुड़मी/कुरमी/महतो जाति की मांग पूर्ण अनुचित है तथा आदिवासियों के खिलाफ घोर षड्यंत्र है. इसी विषय को लेकर आदिवासी बचाओ महारैली आयोजित की जायेगी.
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सभी जिले के लोग शामिल होंगे
इस महारैली में पूरे झारखंड के सभी आदिवासी समुदायों के लोगों को आमंत्रित किया गया है. इसमें झारखंड के सभी जिलों के लोगों की भागीदारी होगी. इस संवाददाता सम्मेलन को आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा,अभय भुटकुंवर समेत कई लोग मौजूद थे.
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