LagatarDesk : आज यानी 8 जून का दिन मार्केट के लिहाज से काफी बड़ा रहा. आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने रेपो रेट में इजाफा करने का ऐलान किया. साथ ही रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) के लिए यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है. शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि अब रूपे क्रेडिट कार्ड से यूपीआई को लिंक किया जा सकेगा. यानी अब यूपीआई के जरिए क्रेडिट कार्ड से भी पेमेंट किया जा सकेगा. (पढ़े, महंगाई का जोखिम अभी टला नहीं, वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान)
मौजूदा समय में सेविंग्स और करंट अकाउंट्स से होता है यूपीआई लिंक
मौजूदा समय में सेविंग्स और करंट अकाउंट्स को यूपीआई से लिंक करके ऑनलाइन ट्रांजैक्शन आसानी से की जा सकती है. इसके लिए यूजर का डेबिट कार्ड इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब क्रेडिट कार्ड से भी यूपाआई को लिंक करके पेमेंट किया जा सकेगा. इससे डिजिटल पेमेंट्स पर और ज्यादा फोकस हो जायेगा और यूजर्स के लिए भी काफी आसानी हो जायेगी.
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पेमेंट इंफ्रा फंड स्कीम में किया जायेगा बदलाव
शक्तिकांत दास ने कहा कि सबसे पहले इसकी शुरुआत RuPay Credit Card से की जायेगी. इसके बाद मास्टरकार्ड (Mastercard) और वीजा (Visa) समेत अन्य गेटवे पर बेस्ड क्रेडिट कार्ड के लिए भी यह सुविधा शुरू की जायेगी. इसके लिए पेमेंट इंफ्रा फंड स्कीम में भी बदलाव किया जायेगा. यह स्कीम जनवरी 2021 से आरबीआई द्वारा चलायी जा रही है. इसके उद्देश्य फिजिकल पाइंट ऑफ सेल, मोबाइल फिजिकल पाइंट ऑफ सेल, क्विक रिस्पॉन्स का इस्तेमाल करना है.
रेकरिंग पेमेंट के लिए ई-मैंडेट अनिवार्य
रिजर्व बैंक ने सब्सक्रिप्शन वाले पेमेंट (Subscription Payment) को भी आसान बना दिया है. रिजर्व बैंक ने रेकरिंग पेमेंट के लिए ई-मैंडेट (E-Mandate) को अनिवार्य बना दिया है. यानी अब किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन हो या स्कूल की मंथली फीस, गैस का बिल भरना हो या मोबाइल-ब्रॉडबैंड का मंथली बिल भरना आसान हो जायेगा.
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अब 5000 नहीं 15 हजार तक कर सकेंगे ट्रांजैक्शन
ई-मैंडेट को अनिवार्य करने के साथ रिजर्व बैंक ने ऐसे ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट को तीन गुना बढ़ा दिया है. पहले इस तरह के ट्रांजेक्शन के लिए 5000 रुपये की लिमिट थी. अब ई-मैंडेट से 15 हजार रुपये तक के ट्रांजेक्शन किये जा सकेंगे. आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि ये दोनों कदम डिजिटल इकोनॉमी (Digital Economy) को बढ़ावा देने पर फोकस्ड हैं.
देश में यूपीआई का चलन सबसे ज्यादा
बता दें कि देश में अब यूपीआई का चलन काफी ज्यादा हो गया है. इस प्लैटफॉर्म पर 26 करोड़ यूनिट यूजर्स और 5 करोड़ मर्चेंट्स एक साथ काम करते हैं. अकेले मई 2022 में 10.4 लाख करोड़ की 594 करोड़ ट्रांजैक्शन UPI के जरिए हुई हैं.
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