Ranchi: चारा घोटाले की तरह हजारीबाग में बाइक, ऑटो और कार से लाखों टन कोयले की फर्जी ढुलाई कर दी गई. मामला हजारीबाग जिले के बड़कागांव का है, यहां एनटीपीसी की पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने यह हेराफेरी की है. मामले में शिकायतकर्ता मंटू सोनी की शिकायत पर केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एनटीपीसी बड़कागांव में ट्रांसपोर्टिंग में बड़े पैमाने पर घोटाले को लेकर एनटीपीसी के केंद्रीय विजिलेंस ऑफिसर को एक महीने में कार्रवाई का निर्देश दिया है. सीवीसी को गड़बड़ियों से संबंधित साक्ष्य देने के बाद यह आदेश जारी किया गया है.
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शिकायत पीएमओ से की गई थी
इस मामले की शिकायत पीएमओ से की गई थी. इस मामले में संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने 11 जनवरी 2022 को झारखंड के डायरेक्टर ऑफ माइंस और डिप्टी डायरेक्टर ऑफ माइंस को जांच करने के निर्देश दिए थे. इससे पहले यह मामला 2017 में तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी नीतेश कुमार गुप्ता की नजर में आया था. तब उन्होंने 3 महीने की रैंडम जांच में पाया कि 25 हजार टन कोयले की ट्रांसपोर्टिंग सिर्फ कागजों पर की गई है. जिन गाड़ियों के नंबर चालान में ट्रांसपोर्टरों ने दर्ज कराए हैं, वे बाइक, ऑटो और कार के थे. इसके बाद तत्कालीन डीएमओ नीतेश कुमार गुप्ता ने 7 जनवरी 2019 को बड़कागांव थाना में एफआईआर के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक केस दर्ज नहीं हुआ था.
तय समय सीमा से ट्रांसपोर्टिंग का दिया जा रहा है ज्यादा समय
शिकायतकर्ता मंटू सोनी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से शिकायत को दिए आवेदन में कहा है कि एनटीपीसी की पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना से बानादाग कोल साइडिंग की दूरी 30 किलोमीटर है. इस दूरी के लिए ट्रांसपोर्टिंग चालान मान्य रहने की अधिकतम समय सीमा 6 घंटे होना चाहिए. जबकि कुछ चालान में मान्यता 24 घंटा से लेकर 30 घंटा तक दिया गया है. इससे प्रतीत होता है कि फर्जी, वाहन चालान के नाम पर कोयला ट्रांसपोर्टेशन दिखाकर कोयला खुले बाजार में बेच दिया जाता है.
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