Ranchi : पिछले बीस सालों से बन रहे एनटीपीसी टंडवा का काम लगभग पूरा है. इस साल सिंतबर से पावर प्लांट शुरू करने की योजना है. इस प्लांट के शुरू होने से राज्य को 500 मेगावाट बिजली अपने स्रोत से मिलेगी. जिसके लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना होगा. जेबीवीएनएल की मानें तो इस साल मार्च से प्लांट शुरू होने वाली थी. लेकिन तकनीकी और कोविड संक्रमण के कारण इसे टाला गया. ऐसे में अब ये प्लांट सिंतबर से शुरू करने की योजना है. बता दें कि एनटीपीसी टंडवा का शिलान्यास साल 1999 में किया गया था. इस प्लांट से लगभग 1950 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है. इससे राज्य को 500 मेगावाट बिजली दी जायेगी.
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एक यूनिट से 800 मेगावाट उत्पादन का है लक्ष्य
एनटीपीसी पावर प्लांट में कुल तीन यूनिटें बनायी गयी हैं. एक यूनिट से अधिकतम आठ सौ मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है. फिलहाल कंपनी की ओर से प्रति यूनिट 650 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में प्लांट से लगभग 1950 मेगावाट बिजली उत्पादन हो पायेगा. पांच सौ मेगावाट राज्य सरकार को देने के बाद, 1450 मेगावाट केंद्रीय पूल में दे दी जायेगी.
गढ़वा चतरा से जोड़ा जा रहा लाइन
इस प्लांट से संचरण के लिए गढ़वा चतरा लाइन बनाया गया है. लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है. लेकिन प्लांट शुरू होने के बाद इसमें बिजली कनेक्शन दिया जायेगा. पिछले साल और इस साल लगे कोरोना लॉकडाउन के कारण संचरण का काम प्रभावित रहा. इस लाइन से ही केंद्रीय पुल में भी बिजली दी जायेगी. बता दें कि राज्य में औसतन प्रति दिन 1300 से 1400 मेगावाट बिजली की मांग है.
कोविड के दौरान मांग घट कर 900 से एक हजार मेगावाट तक है. ऐसे में टंडवा से पांच सौ मेगावाट बिजली मिलने में बिजली आपूर्ति में केंद्रीय पुल और अन्य कंपनियों पर निर्भरता कम होगी.
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