Jamshedpur: टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा इन दिनों स्टार्टअप कंपनियों में निवेश कर रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी की रतन टाटा स्टार्टअप में निवेश करने के लिए 18 साल के एक युवक से सुझाव लेते हैं. शांतनु नायडू नाम के इस युवक को 2018 में रतन टाटा ने साथ काम करने का ऑफर दिया था. रतन टाटा ने शांतनु की कंपनी मोटोपॉज में अघोषित निवेश किया है. इस कारण इस कंपनी का कारोबार 20 शहर व चार देशों में फैल गया है.
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जब रतन टाटा ने दिया साथ काम करने का ऑफर
शांतनु ने आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए चमकदार कॉलर बनाने का आइडिया निकाला था. लोगों को यह आइडिया पसंद आया. शांतनु के पिता ने कहा कि वो रतन टाटा को पत्र लिखे. उसने हिचकिचाते हुए पत्र लिखा और दो महीने बाद जवाब आया. रतन टाटन के साथ मीटिंग के उसे मुंबई बुलाया गया था. इस मुलाकात में रतन टाटा शांतनु से बोले कि, ‘आप जो काम करते हैं, उससे मैं बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ हूं!’ मीटिंग के बाद वे रतन टाटा के घर उनके कुत्तों से भी मिले और शांतनु को उनके काम के लिए फंड मुहैया कराया. फिर धीरे-धीरे रतन टाटा शांतनु से स्टार्टअप में निवेश के लिए सुझाव लेने लगे.
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शांतनु की कंपनी कुत्तों के लिए बनाती है चमकदार कॉलर
शांतनु नायडु अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हर रविवार को ऑन योर स्पार्क्स कार्यक्रम के साथ लाइव रहते हैं. यह एक तरह का वेबिनार है. इस वेबिनार के लिए शांतनु प्रति व्यक्ति 500 रुपया चार्ज करते हैं. शांतनु की स्टार्टअप कंपनी मोटोपॉज है कुत्तों के कॉलर का डिजाइन एवं निर्माण करती है. यह कॉलर अंधेरे में चमकता है और स्ट्रीट डॉग्स दुर्घटनाओं से बच जाते हैं.
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कुत्ते को हादसे में मरते देख कॉलर बनाने का आया था आइडिया
शांतनु कहते हैं एक दिन उसने तेज रफ्तार ट्रक की ठोकर से एक कुत्ते को मरते देखा. उसके बाद उनके लिए कुछ करने की सोची. सोचते-सोचते कॉलर रिफ्लेक्टर बनाने का आइडिया आया. कुछ प्रयोग के बाद मेटापॉज नाम से कॉलर बना दी. यह कॉलर कुत्तों के गले में रहने पर वाहन चालक को दूर से ही दिखाई पड़ता है. इससे स्ट्रीट डॉग्स की जान बचने लगी.
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