- आठ-नौ महीने के लिए दोनों पार्टी मंत्रीपद बदलने का किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं
- हेमंत के बाद रिक्त हुई एक बर्थ पर सोरेन परिवार के सीता या बसंत में से एक को मिल सकती है भागीदारी
- चार वर्ष से रिक्त पड़े 12वें बर्थ पर झामुमो का दावा सबसे अधिक मजबूत, गैर सोरेन परिवार को मिल सकती है जगह
- झामुमो कोटे के मंत्रियों की लिस्ट करीब-करीब हो चुकी है फाइनल, कांग्रेस आज देर रात या शपथ ग्रहण के पहले भेज सकती है सूची
Kaushal Anand
Ranchi : राज्य में नवगठित चंपाई सोरेन सरकार में दोनों ही पार्टी से हेमंत सरकार के ही पुराने चेहरे कंटीन्यू हो सकते हैं. झारखंड विधानसभा का चुनाव भी इसी साल दिसंबर में होगा. इसके पहले नंवबर के दूसरे या अंतिम सप्ताह में आदर्श आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में दोनों ही पार्टी महज शेष बचे 8-9 महीने के लिए पुराने चेहरे को बदल कर कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं दिखती है. इसलिए इसकी संभावना बहुत ही अधिक प्रबल हो गयी है कि हेमंत सरकार में शामिल मंत्री ही वर्तमान चंपाई सोरेन सरकार में कंटीन्यू होंगे. झामुमो-कांग्रेस अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार झामुमो और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की सूची तैयार हो चुकी है. कांग्रेस 15 फरवरी को देर शाम या शपथ ग्रहण के दो-तीन घंटे पूर्व मंत्रियों की सूची मुख्यमंत्री को सौंप सकती है.
कांग्रेस के अंदर मंथन के बाद आया निष्कर्ष, पुराने मैक्निजम पर ही जोर
नयी सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की सूची तैयार करने के लिए रांची से दिल्ली तक गहन-मंत्रणा हुई. एक-एक बिंदु पर चर्चा हुई. जिसके बाद करीब-करीब यह तय हो चुका है कि पुराने चेहरे ही कंटीन्यू होंगे. क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जो नाम तय हुए थे, उनके दो-तीन आधार थे. एक तो जातिगत, धार्मिक और क्षेत्रीय समीकरण, दूसरा दो बार या दो बार से अधिक बार जीते विधायक तथा तीसरा वरीयता. इसके आधार पर ही आलमगीर आलम को विधायक दल का नेता चुना गया. इसके बाद सीनियर नेता एवं पूर्व आईपीएस डॉ. रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख और बन्ना गुप्ता के नाम पर मुहर लगी थी. सारे समीकरण के हिसाब से हेमंत सरकार में मंत्री सभी नेता रहे फिट बैठते हैं, इसलिए कांग्रेस अपने पुराने चेहरे को ही कंटीन्यू करने के मूड में है. मगर राजनीति संभावनाओं का खेल है, अंतिम रूप से कौन से नाम आते हैं, इसका इंतजार करना होगा.
हेमंत के बाद रिक्त हुए 11 वें बर्थ पर सोरेन परिवार का ही एक सदस्य हो सकता है शामिल
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए 11 वें बर्थ पर सोरेन परिवार के ही किसी एक सदस्य को जगह मिल सकती है. इसमें बंसत सोरेन का नाम सबसे ऊपर है. जबकि स्व. दुर्गा सोरेन की पत्नी एवं सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन का नाम भी सामने आ रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान सीता सोरेन ने यहां तक कह दिया था कि उन्हें बाबा (गुरुजी) का आशीर्वाद मिल चुका है. मुख्यमंत्री जो भी जिम्मेवारी देंगे वह उसे राज्यहित में निभाने का पूरा-पूरा प्रयास करेंगी. सीता सोरेन का यह बयान यह साबित करता है कि बंसत सोरेन और सीता के सोरेन के बीच कड़ी स्पर्धा चल रही है. अंतिम समय में कौन बाजी मारता है, यह भी देखना दिलचस्प होगा. झामुमो अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार झामुमो कोटे के मंत्रियों की सूची भी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से चर्चा के उपरांत तैयार हो चुकी है.
12वीं बर्थ को लेकर झामुमो का पलड़ा भारी, गैर सोरेन परिवार को मिल सकती है जगह
पिछले चार साल से रिक्त पड़ी मंत्रिपरिषद की 12वीं बर्थ को नयी चंपाई सोरेन सरकार में भरे जाने की पूरी उम्मीद है. इसको लेकर झामुमो कांग्रेस के बीच रस्साकसी जारी है. कांग्रेस ने इस पर फिर से दावा किया है. मगर झामुमो ने कांग्रेस के दावे को मानने से इनकार कर दिया है. अगर रिक्त पड़ा 12वां मंत्री पद झामुमो के खाते में जाता है तो गैर सोरेन परिवार को इसमें जगह मिल सकती है. जिसमें दो वर्ष से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे सीनियर विधायक लोबिन हेंब्रोम को जगह मिल सकती है. चंपाई सोरेन सरकार को समर्थन देने के पहले से लोबिन भी गुरुजी से मिले थे और लंबी मंत्रणा की थी. इसके बाद उन्होंने चंपाई के पक्ष में मतदान करने की घोषणा की थी. वहीं इस 12वीं बर्थ के लिए एक और सीनियर विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी का नाम भी चर्चा में है. अब इसको लेकर क्या होता है, यह भी देखने वाली बात होगी.
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