Ormanjhi: सरकार भले ही लाख दावे करे कि कच्चे मकान वालों को पक्का मकान देंगे, लेकिन दावे धरातल पर नहीं दिखते. जिसके चलते लोग कच्चे जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं. लेकिन जब इन मकानों में रहने वाले लोगों पर सितम सहने का समय आता है, तो चारो ओर से मुसीबत आनी शुरू हो जाती है. ऐसा ही एक मामला ओरमांझी प्रखंड के गगारी पंचायत के तिवारी टोला में इन दिनों देखने को मिल रहा है. जहां सरकार में बैठे अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते गांव की बुजुर्ग विधवा प्यासे देवी दूसरों के घर में रहने को मजबूर है. कारण अबला प्यासो देवी का कच्चा मकान बरसात आते ही पूरा गिर गया है. महिला बहुत गरीब है. वह अपने गिरे घर को मरम्मत भी नहीं करवा सकती है.
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सरकार की किसी योजना का नहीं मिलता लाभ
पीछे साल भी प्यासो देवी के घर का आधा हिस्सा गिर गया था. लेकिन इस साल तो पूरा मकान ही गिर गया है. विधवा प्यासो देवी को सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिलता है. चाहे वो वृद्धा पेंशन हो, विधवा पेंशन हो, उज्जवला योजना द्वारा गैस चूल्हा, हो चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना, सभी तरह की योजनाओं से अबला वंचित है. जिसके चलते इस बेसहारा महिला पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा है. हालांकि पिछले साल जब वृद्ध महिला की घर गिरा था, तो अंचल में इसकी लिखित सूचना भी दी गई थी. लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है. अब देखना है कि इस बार पूरा घर गिर गया तो महिला की सहारा बन के सामने कौन आता है. महिला घर में अकेली रहती है कोई कमाने खाने वाला नहीं है.
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बुजुर्ग बेसहारा महिला को कब मिलेगी मदद ?
इस विषय पर अंचल अधिकारी विजय केरकेट्टा ने बताया कि पीड़ित महिला का आवेदन नहीं मिला है. जैसे ही महिला का आवेदन आता है. आवेदन पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देते हुए जिला में पीड़ित की आवेदन भेजी जाएगी. वहीं गगारी तिवारी टोली में अनेकों घर में प्रधानमंत्री आवास वृद्धा पेंशन विधवा पेंशन से लोग वंचित हैं.
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