NewDelhi : ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री का इवेंट रद्द किये जाने पर सवाल खड़ा हो गया है. विवेक ने ट्विटर पर सपोर्ट की अपील करते हुए यूनिवर्सिटी पर हिंदूफोबिया फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्हें यूके में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से 31 मई को एक भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन, आखिरी समय में इसे कैंसिल कर दिया गया.
IMPORTANT:
Yet another Hindu voice is curbed at HINDUPHOBIC @OxfordUnion.They have cancelled me. In reality, they cancelled Hindu Genocide & Hindu students who are a minority at Oxford Univ. The president elect is a Paksitani.
Pl share & support me in this most difficult fight. pic.twitter.com/4mGqwjNmoB— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) May 31, 2022
विवेक के अनुसार उन्हें भेजे गये ईमेल पर सब कुछ तय था लेकिन, कुछ घंटे पहले कहा गया कि गलती से दो बुकिंग हो गयी है इसलिए वे होस्ट नहीं कर सकते. विवेक के अनुसार उनसे पूछे बिना उन्होंने एक जुलाई की तारीख दे दी. क्योंकि उस दिन वहां कोई छात्र नहीं होगा. इसलिए कोई कार्यक्रम करने का मतलब नहीं है.
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हिंदुओं का नरसंहार दिखाये जाने से इवेंट कैंसल कर दिया
डायरेक्टर ने ट्वीट किया. हिंदूफोबिक ऑक्सफर्ड यूनियन ने एक बार फिर हिंदू आवाज को दबा दिया. उन्होंने मेरा प्रोग्राम कैंसिल कर दिया. लेकिन, सच्चाई यह है कि उन्होंने हिंदुओं का नरसंहार दिखाये जाने से इवेंट कैंसल कर दिया, जहां हिंदू स्टूडेंट अल्पसंख्यक हैं. कहा कि इस यूनियन का चुना हुआ प्रेसिडेंट एक पाकिस्तानी है.
मुझे इस कठिन लड़ाई में सपोर्ट करें
प्लीज मेरे वीडियो को शेयर करें और मुझे इस कठिन लड़ाई में सपोर्ट करें. डायरेक्टर ने कहा कि वे इसके खिलाफ एक केस फाइल करेंगे. सच्चाई पर फिल्म बनाना इस्लामोफोबिक नहीं विवेक अग्निहोत्री ने कहा, वे मुझे इस्लामोफोबिक कहते हैं. मानो हजारों कश्मीरी हिंदुओं को मारना हिंदुत्व विरोधी नहीं था, लेकिन सच्चाई पर फिल्म बनाना इस्लामोफोबिक लगा. कहा कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. यह अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न है.
मैं पीएम मोदी का समर्थन करता हूं
विवेक अग्निहोत्री ने अपने वीडियो में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि उन्हें बताया गया था कि उनके विचार अंतिम समय में रिकॉर्ड नहीं किये जा सकते हैं. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुछ पाकिस्तानी और कश्मीरी मुस्लिम छात्रों ने विरोध किया. ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं पीएम मोदी का समर्थन करता हूं.