Pakur : 74वें गणतंत्र दिवस पर रानी ज्योतिर्मय स्टेडियम पाकुड़ में जिले का मुख्य समारोह हुआ. जहां सूबे के संसदीय कार्य सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. झंडोत्तोलन के पूर्व मंत्री ने परेड का निरीक्षण किया. परेड में पुलिस बल, होम गार्ड, एनसीसी सहित स्कूलों की 12 टुकड़ियां शामिल थी.
संबोधन में मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गणतंत्र का अर्थ जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए शासन है. संविधान में हर भारतवासी को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने मत के द्वारा देश और राज्य के जनप्रतिनिधियों का चुनाव कर जनहित की सरकार का गठन करें. हमारा देश धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है. हमें जाति, धर्म के भेदभाव को छोड़ विकास के लिए अग्रसर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना होगा. जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, जागरूक नहीं होंगे विकास नहीं हो सकता है.
झारखंड का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया : आलम
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमारा झारखण्ड राज्य वर्ष 2000 में अस्तित्व में आया. परन्तु इन 23 वर्षों में अपेक्षित विकास नहीं हो सका. दिसम्बर 2019 में हमारी गठबंधन की सरकार सत्ता में आई. परन्तु सरकार गठन के तुरन्त बाद ही पूरे विश्व में वैश्विक महामारी COVID-19 का प्रसार तेजी से होने लगा. राज्य में भी महामारी के कारण सारी आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई. पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया. सरकार के समक्ष दूसरे राज्यों में निवास करने वाले झारखण्ड के निवासियों को झारखण्ड वापस लाने की चुनौती थी. साथ ही उन्हें जीविकोपार्जन के लिए रोजगार उपलब्ध कराना भी बहुत बड़ी चुनौती थी. ऐसी परिस्थिति में हमारी सरकार ने लोगों को मुख्यमंत्री दीदी किचन के माध्यम से खाना उपलब्ध कराने के साथ ही रोजगार भी उपलब्ध कराया.
जेएसएलपीएस की झांकी ने हासिल किया पहला स्थान
मुख्य कार्यक्रम स्थल पर ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला वन प्रमंडल, जिला आपूर्ति विभाग, जिला गव्य विकास विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, जिला समाज कल्याण विभाग, समेकित जनजाति विकास अभिकरण, समग्र शिक्षा अभियान, पशुपालन एवं गव्य विकास विभाग, जिला मत्स्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जेएसएलपीएस सहित विभिन्न विभागों द्वारा विभागों में संचालित योजनाओं के थीम को केंद्र में रखते हुए झांकी निकाली गई. जिसमें जेएसएलपीएस को प्रथम, जिला वन प्रमंडल विभाग को द्वितीय व स्वास्थ्य विभाग की झांकी को तृतीय स्थान मिला. मंत्री ने मेडल देकर सम्मानित किया.
इन्हें किया गया पुरस्कृत
जिला प्रशासन की ओर से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए डीडीसी मो.शाहिद अख्तर, जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चित्रा यादव, जेएसएलपीएस डीपीएम प्रवीण मिश्रा, जेएसएलपीएस बीपीएम मो.फ़ैज़ आलम, स्वास्थ्य विभाग से गायनोलोजिस्ट विभाग की टीम व निर्वाचन विभाग से ताराशीष मित्रा, जनसेवक, जिला वन प्रमंडल कार्यालय से खालिदा खातुन, वनरक्षी को मंत्री, उपायुक्त, एसपी व डीएफओ ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
डीसी, एसपी समेत अन्य ने किया झंडोत्तोलन
74 वें गणतंत्र दिवस पर डीसी, सपी समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों ने अपने कार्यालयों में झंडोत्तोलन किया. सबसे पहले डीडीसी मो.शाहिद अख्तर ने अपने गोपनीय कार्यालय परिसर में झंडा फहराया. इसके बाद डीसी वरुण रंजन ने अपने गोपनीय कार्यालय परिसर व समाहरणालय परिसर में झंडोत्तोलन किया. जिला वन प्रमंडल कार्यालय में डीएफओ रजनीश कुमार, जिला परिषद कार्यालय में जिला परिषद अध्यक्ष जूली खिष्टमणी हेंब्रम, पुलिस लाइन में एसपी चपी जनार्दनन, अनुमंडल कार्यालय में एसडीओ हरिवंश पंडित, जिला जनसंपर्क कार्यालय में डीपीआरओ डॉ.चंदन ने तिरंगा फहराया. इसके अलावा विभिन प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में बीडीओ, सीओ, थानों में थाना प्रभारी, गैर सरकारी संस्थानों व शिक्षण संस्थानों में झंडोत्तोलन हुआ. जिले भर में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया गया.
मंत्री ने गिनवाई उपलब्धियां
गमतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री लमगीर आलम ने कहा कि मनरेगा में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 900 लाख अनुमोदित मानवदिवस के विरुद्ध अब तक कुल 686 लाख यानी 81 प्रतिशत मानव दिवस सृजन किया जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11.50 करोड़ मानवदिवस का सृजन किया गया जो एक रिकॉर्ड है.
मजदूरी दर मे वृद्धि :- भारत सरकार द्वारा मनरेगा मजदूरों के मजदूरी दर में अपेक्षा अनुरूप वृद्धि नहीं करने के कारण राज्य सरकार द्वारा राज्य योजना से अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी गई है. जिसमे मजदूरों को देय दैनिक मजदूरी की राशि बढ़ाकर 237 रूपये किया गया है. दैनिक मजदूरी के रूप में बढ़ी हुई राशि 27 रूपये प्रति मानवदिवस की दर से अब तक लगभग 193 करोड़ रुपए राशि का भुगतान राज्य कोष से किया जा चुका है.
ससमय मजदूरी भुगतान:- हमारी सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में शत-प्रतिशत मजदूरों को मजदूरी भुगतान किया गया, जो पूरे देश में अव्वल है. कार्य के दौरान मनेरगा श्रमिक की मृत्यु होने पर 2 लाख रूपए की सहायता देने का निर्णय सरकार ने लिया है.
बिरसा हरित ग्राम योजना:- ग्रामीणों के आय में वृद्धि के उद्देश्य से इस वर्ष 24,731 परिवारों के लिए कुल 21,350.75 एकड़ में बागवानी का कार्य किया जा रहा है. जिसमें 33.88 लाख फलदार व इमारती पौधों का रोपण किया गया है.
नीलांबर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना- इस योजना के तहत जल व मृदा संरक्षण के उद्देश्य से वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 88,903 योजनाओं को पूर्ण किया गया है और 85,633 योजनाओं पर कार्य जारी है.
वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना:- इस योजना के तहत राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण करने का लक्ष्य के विरुद्ध इस वर्ष अबतक कुल 1723 खेल मैदान निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. साथ ही 2563 योजनाओं पर कार्य जारी है.
दीदी बाड़ी योजना:- मनरेगा व स्वंय सहायता समूहों के अभिषरण से दीदी बाडी योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है. इस योजना से कम-से-कम 5 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है. अब तक कुल 2,59,829 महिलाओं को इस योजना से जोड़ते हुए कार्य प्रारम्भ कराया जा चुका है.
दीदी बगिया योजना:- बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण पौधों की आपूर्ति करने के उद्देश्य से सखी मण्डल की दीदियों के द्वारा मनरेगा व JSLPS के अभिसरण से दीदी बगिया योजना को प्रारम्भ कर इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 412 दीदी बगिया योजना को प्रारम्भ किया गया है.
मुख्यमंत्री पशु विकास योजना:- इस योजना के तहत ग्रामीणों के आजीविकावर्द्धन व राज्य में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनरेगा व कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के साथ अभिसरण कर मनरेगा से पशुशेड का निर्माण कराया जा रहा है. वर्तमान में 24,388 लक्ष्य के विरूद्ध 19,926 पशुशेड योजनाओं को स्वीकृत कर 12,066 कार्य प्रारंभ किया जा चुका है और 5160 योजना पूर्ण कर ली गई है.
उन्नति परियोजना- इस परियोजना के तहत वैसे परिवार जिन्होंने 100 दिनों का कार्य किया है, उन परिवारों के किसी एक वयस्क सदस्य को प्रशिक्षित कर उनके कौशल विकास का कार्य करते हुए आजीविका संवर्धन किया जाता है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 500 लक्ष्य के विरुद्ध 446 मजदूरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
पलाश ब्राण्ड:- ग्रामीण महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं को एक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पलाश ब्राण्ड का शुभारंभ किया गया. इससे सखी मंडल की महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विभिन्न मॉल, मार्ट, दुकानों व ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराया गया है. जिससे महिलाऐं आत्मनिर्भर हो रही है.
प्रधानमंत्री आवास योजना :-
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-G) – ग्रामीण के अंतर्गत राज्य में वित्तीय वर्ष 2016-2022 में अब तक 15,85,620 आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 13,86,038 यानी 87% आवास पूर्ण हो चुके हैं. शेष आवासों को भी जल्द पूर्ण कर लिया जायेगा.
संथाल परगना प्रमण्डल में कुल 4,59,960 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गयी है. जिसमें से अबतक कुल 4,05,017 यानी 88% आवास पूर्ण किये गये है. हमारी सरकार के गठन के पशचात् संथाल परगना में अब तक 2,07,809 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इस दौरान अब तक 2,48,735 आवास पूर्ण कर लिये गए है.
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना :- इस योजना के तहत अब तक कुल 46,932 आवास स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 35,570 यानी 76% आवासों को पूर्ण कर लिया गया है. संथाल परगना प्रमण्डल में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर योजना के तहत कुल 4,415 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें अबतक कुल 7,615 आवास पूर्ण कर लिये गये है.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS)
ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत JSLPS के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राज्य के सभी ग्रामीण गरीब परिवार की महिलाओं को सखी मंडल में संगठित कर उनको आजीविका के सशक्त साधनो से जोड़ा जा रहा है. गांव में डायन प्रथा, पोषण वाटिका, मानव तस्करी, कुपोषण समेत कई मुद्दों पर सखी मंडल की महिलाएं विकास की नई गाथा लिख रहीं है. वहीं कोविड- 19 संक्रमण के मुश्किल हालात में भी सखी मंडल की महिलाओं ने मुख्यमंत्री दीदी किचन, गांव मे जागरूकता, मास्क व सैनिटाइजर निर्माण, बैंकिंग सेवाएं, किसानों के उत्पादों की बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना : इसके तहत विधायकों की अनुशंसा के आलोक में 20-25 किमी सड़क का निर्माण / मरम्मत का कार्य प्रगति पर है. इस वर्ष से विभाग ने विशेष मरम्मति के नाम पर प्रत्येक जिले से 50-60 किमी सड़कों की मरम्मति का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना : इसके तहत प्रत्येक माननीय सदस्यों के अनुशंसा के आलोक में एक-एक उच्चस्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति का कार्य प्रगति पर है.
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